ख्वाब कोई इधर का रुख करता

Webdunia
ठाकुर दास 'सिद्ध'
 
दर्द का कुछ असर नहीं होता,
दर्द होता है पर नहीं होता।
 
याद अपनी उसे नहीं आती,
इतना तो बेखबर नहीं होता।
 
लोग होते न यां दरिंदे गर, 
रास्ता पुरखतर नहीं होता।

जो न घर पर ये आसमां गिरता,
आदमी दर-ब-दर नहीं होता।
 
रोज होते हैं यां महल रोशन,
एक अपना ही घर नहीं होता।
 
हौंसला साथ गर नहीं देता,
ये अकेले सफर नहीं होता।
 
ख्वाब कोई इधर का रुख करता,
दर्द गर रात भर नहीं होता।
 
'सिद्ध' दुश्मन खड़ा नहीं रहता,
या कि अपना ये सर नहीं होता।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस Festive Season, इन DIY Ubtans के साथ घर पर आसानी से बनाएं अपनी स्किन को खूबसूरत

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

दीपावली की तैयारियों के साथ घर और ऑफिस भी होगा आसानी से मैनेज, अपनाएं ये हेक्स

सभी देखें

नवीनतम

पपीते का ये हिस्सा जिसे बेकार समझकर फेंक देते हैं, फायदे जानकर आज से ही करने लगेंगे स्टोर

संत गोस्वामी तुलसीदास जी कौन थे, जानें उनका जीवन और 10 अमूल्य कथन

इस दिवाली बस इस एक ब्यूटी सीक्रेट से मिलेगा घर पर ही पार्लर से बढ़कर निखार

फ्यूजन फैशन : इस दिवाली साड़ी से बने लहंगे के साथ करें अपने आउटफिट की खास तैयारियां

दिवाली पर आपके घर की सुन्दरता में चार चांद लगा सकती हैं ये लाइट्स

अगला लेख
More