Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

lockdown poem : संभाल कर रखिए जनाब ये फ़ुरसत के लम्हें

हमें फॉलो करें lockdown poem : संभाल कर रखिए जनाब ये फ़ुरसत के लम्हें
webdunia

शैली बक्षी खड़कोतकर

poem on lockdown

संभाल कर रखिए जनाब ये फ़ुरसत के लम्हें
बड़ी क़ीमत अदा कर ये दौर ए सुकूं पाया है
 
अपने हाथों से दे रहे थे ज़ख्म बेहिसाब
कुदरत ने तो बस आज आईना दिखाया है
 
सिमट आए है रिश्ते चार दिवारी में
खौफ ने ही सही, मकान को घर तो बनाया है
 
मुद्दतों बाद खुश है आज बूढ़ा दरख़्त
शाख से टूटे पत्तों को कोई रौंदने नहीं आया है
 
थम गया है शोर ए रफ़्तार जमाने का
ये कौन सा पंछी मेरे आंगन में चहचहाया है
 
आ भुला दे खुद को इन खामोश फिज़ाओं में
खुद को खोया जिसने उसी ने खुद को पाया है...

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Mars in Capricorn : 4 मई तक मंगल ग्रह मकर राशि में,ज्यादा असर हो रहा है 4 राशियों के जीवन में