डर और भ्रम

गिरीश पांडेय
यह एक छोटी सी पर सच्ची कहानी है।  मेरे मित्र अरविंद सिंह ने करीब चार दशक पहले इस घटना का जिक्र किया था। बलिया में उनका गांव सुरहा ताल के किनारे है।
 
उनके बाबा अच्छे पहलवान और लठैत थे। पूनम की रात थी। आसमान से चांदनी बरस रही थी। उनका पास के गांव में जाना हुआ था। वापसी में दिमाग में कुछ चल रहा था। सर पर पगड़ी और कंधे पर लाठी लिए वह अपनी ही धुन में गांव लौट रहे थे।
 
कुछ कदम दूरी पर उनको एक साया दिखी। ताकत का हौसला था ही। लाठी पर पकड़ और मजबूत हो गई पगड़ी को टाइट कर लिया। भरपूर वार के लिए उन्होंने लाठी तान भी ली। तभी उनके दिमाग में कौंधा। अरे यह तो गांव के सीवान (सीमा) का पत्थर है। वे रुके सीवान के पत्थर को प्यार से सहलाया। और घर आ गए। सोचें। अगर वह पत्थर पर लाठी से वार करते तो क्या होता। उसका तो कुछ नहीं बिगड़ता। इनके साथ कुछ भी हो सकता।
 
घटना का निचोड़
पागल और मूर्ख को छोड़ हर सामान्य आदमी को डर लगता है। डर पर जीत ही बहादुरी है। कभी कभी आपका यह डर भ्रम भी हो सकता है। लिहाजा अगर डर लग रहा है तो कुछ देर ठहरें। संभव है आपका डर कोरा भ्रम हो।  सांप को रस्सी समझने का भ्रम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
ALSO READ: मनोज भावुक बने अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के कला मंत्री

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

लबों पर उसके कभी बद-दु'आ नहीं होती, मदर्स डे पर भावुक कर देंगे मां की ममता का बखान करते ये शेर

रिलेशनशिप में फील हो रहा है अकेलापन? जानिए ये 5 बड़े संकेत जो बताते हैं कि आपका रिश्ता भी है साइलेंट डाइवोर्स का शिकार

पनीर बना दुनिया का सबसे घटिया फूड, 80% सैंपल फेल, जानिए कैसे बचें मिलावट के धोखे से

शिवलिंग मुद्रा क्या है? क्या सच में बॉडी के लिए है फायदेमंद? जानिए इस पॉवरफुल योग मुद्रा के बारे में

कितने सच हैं यूरीन थेरेपी से इलाज के दावे, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

सभी देखें

नवीनतम

गर्मियों में आइस एप्पल खाने के फायदे, जानें क्यों कहलाता है सुपरफ्रूट

ग्रीन टी में चीनी डालना चाहिए या नहीं? जानिए क्या है सुझाव

जंग पर लिखे गए दमदार शेर और शायरी, जरूर पढ़ें

जयंती विशेष : वीरता की मिसाल, स्वाभिमान का प्रतीक- महाराणा प्रताप

बाजार से बढ़िया और स्वादिष्ट आइसक्रीम घर पर कैसे बनाएं, पढ़ें मजेदार रेसिपी

अगला लेख
More