ठंड में आग तापना सही है या धूप में बैठना?

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Warming fire in cold: कई जगह शीतलहर का प्रकोप रहता है तो आग तापना बहुत जरूरी होता है। ठंड में कई लोग दिन हो या रात आग तापते रहते हैं। यह कितना सही है? कई लोग दिनभर धूप में बैठे रहते हैं तो क्या यह भी सही है। आओ जानते हैं आग तापने और धूप में बैठना कितना रही है और कब किस समय यह कार्य करना चाहिए।
 
आग तापना : ठंड में यदि आप देर तक या प्रतिदिन आग तापने का कार्य करते हैं तो यह आपके लिए नुकसान दायक हो सकता है। क्योंकि आग से निकलने वाला धुआं आपके शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बढ़ाकर ऑक्सीजन का लेवल कम कर सकता है। इसके चलते शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है जो कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकती है। 
 
जैसे, आंखों को नुकसान होता है। सिर दर्द की समस्या होना। फेंफड़ों से संबंधित रोग हो सकता है। स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती है। एग्जिमा और सोराइसिस से पीड़ित लोगों को आग तापने से बचना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि यदि बहुत जरूरी हो तो ही आग तापें या ऐसे कोयलों का उपयोग करें तो धुआं कम छोड़ते हों। आप सीगड़ी का उपयोग कर सकते हैं। बहुत लोग आग जलाकर रुम में छोड़ देते हैं, ये सब जीवन के लिए खतरनाक है।
धूप सेंकना : धूम में बैठने के नियम भी होते हैं। हर मौसम में सुबह 8 बजे से 11 बजे तक धूप में बैठने से ही शरीर को गर्मी मिलने के साथ ही विटामिन डी की पूर्ति होती है। उसके बाद की धूप में बैठने का कोई मतलब नहीं क्योंकि 12 बजे के बाद धूम में UV-C अल्ट्रा वायलेट किरणों का प्रकोप बढ़ जाता है तो कि शरीर के लिए नुकसादायक है।
 
धूम में बैठने से हमारा रक्त संचार अच्‍छे से संचालित होता है जो ठंड में रक्त के जपने को खतरे को कम करता है। इससे शरीर में किसी भी प्रकार के फंगल इंफेक्शन को भी रोका जा सकता है। इसलिए गर्मी में 20 से 25 मिनट और सर्दी में दो घंटे की धूप सेंकना फायदेमंद माना जाता है।
 
रूम हीटर : रूम हीटर से घुटन होती है क्योंकि यह हवा में ऑक्सिजन को कम कर। कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैस का खतरा बढ़ा देता है। इसलिए ठंड में रुम हीटर का ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए। बहुत लोग रुम हिटर चालू करके छोड़ देते हैं, जो रातभर जलता रहता है। इससे नींद में पता ही नहीं चलता है कि कब शरीर में ऑक्सिजन का लेवल कम हो गया। तब दम घूटने से मौत भी हो सकती है। यह आपकी स्किन, बाल और आंखों को ड्राई करके नुकसान पहुंचा सकता है। इससे इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है। जिन्हें भी किसी भी प्रकार की एलर्जी है उन्हें यह नुकसान पहुंचा सकता है।

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