पैनिक अटैक कभी भी और किसी को भी हो सकता है। यह खासतौर से तब होता है जब हम किसी मुश्किल हालत में होते हैं, स्ट्रेस और प्रेशर के दौरान।
ऐसे समय पर व्यक्ति को अपने ऊपर बिलकुल काबू नहीं रहता है और यह दिल दहलाने वाली अवस्था होती है।
अगर किसी को एक बार पैनिक अटैक आता है तो संभव है कि आगे चलकर भी उसे ऐसे अटैक होते रहते हैं।
पैनिक अटैक का समाना करते समय याद रखने वाली 5 बातें जो हो सकता है कि आपके पैनिक अटैक को रोकने में कारगर साबित हो।
– यह समझें कि आपको पैनिक अटैक हो रहा है
किसी बीमारी में सबसे पहले यह जानना जरूरी होता है कि वह क्या है और किस वजह से होती है। आपको यह जान लेना जरूरी है कि पैनिक अटैक चाहें जितना भी डरावना क्यों न हो इसकी वजह से मौत नहीं होती।
पैनिक अटैक एक आम समस्या है जो अक्सर रक्तधारा में अधिक एड्रेनलिन होने के कारण होती है।
यह डर की वजह से शुरू होता है। अक्सर यह डर तर्कहीन होता है। ज्यादातर हमें पता भी नहीं होता है कि क्यों डर लग रहा है या उस पर कैसे काबू पाया जाये।
पैनिक अटैक के लक्षण
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पैनिक अटैक एक विस्फोट की तरह होता है।
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हृदय का तेज़ी से धड़कना या टैकीकार्डिया
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नकारात्मक विचार
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दिल बैठा जाना या ऐसा महसूस होना कि हृदय की धड़कन बंद होने जा रही है
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सांस लेने में परेशानी
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पेट में दर्द
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चक्कर आना
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पसीना आना
पैनिक अटैक को रोकने का तरीका
पैनिक अटैक को शांत करने और रोकने के लिए सांस पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। पैनिक अटैक के समय अपनी सांस को नियमित करने की कोशिश करके हम अपने हृदय की धड़कन को तेज़ होने से रोक सकते हैं।
पैनिक अटैक के शारीरिक लक्षण दिखाई देते हैं तो आप किसी शांत जगह पर जाकर बैठ जायें। यदि आप कसे हुए कपड़े या जैकेट वगैरह पहने हुए हैं तो बटन खोलें या उनको उतारें ताकि आपको बंधा हुआ न महसूस हो।
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ऐसे में 5 सेकंड के लिए सांस को अंदर लें।
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सांस को 7 सेकंड के लिए रोकें।
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सांस को 8 सेकंड के लिए बाहर छोड़ें।
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इस पैटर्न को 5 मिनट तक दोहराते रहें।
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नेगेटिव विचारों को रोकें