गुड़हल का फूल जिसके बारे में आपने प्राइमरी स्कूल की किताबों में पढ़ा था। यह सिर्फ देखने में ही सुंदर नहीं होता बल्कि यह सेहत और सुंदरता का खजाना लिए हुए होता है। इसे हिबिसकस या जवाकुसुम भी कहते हैं।
इसके सभी हिस्सों का इस्तेमाल खाने, पीने या दवाओं के काम के लिए किया जा सकता है। यूनानी दवाओं में गुड़हल का बहुत उपयोग होता है और इससे कॉलेस्ट्रॉल, मधुमेह, रक्तचाप, गुर्दे की बीमारियों और गले के संक्रमण जैसे रोगों का इलाज किया जाता है।
यह विटामिन सी, कैल्शियम, वसा, फाइबर, नाइट्रोजन, फासफोरस, टेटरिक और ऑक्सीलिक एसिड, फ्लेवोनॉयड्स और फ्लेवोनॉयड ग्लाइकोसाइड्स का बढ़िया स्रोत है।
गु़ड़हल को हर्बल चाय, कॉकटेल या काढ़े के तौर पर लिया जा सकता है। फूलों को सुखाकर इसकी हर्बल चाय बनाई जा सकती है। पानी उबलने पर सूखे फूल डाल दीजिए और थोड़ी चीनी मिलाकर चाय तैयार हो जाएगी। कॉकटेल के लिए इसे ठंडा होने दें और बर्फ के साथ पिएं। यह सेहत के लिए गुणकारी चाय है।
गुड़हल का फूल विटामिन सी का बढ़िया स्रोत है और इससे कफ, गले की खराश, जुकाम और सीने की जकड़न में फायदा मिलता है।
गुड़हल की पत्तियां प्राकृतिक हेयर कंडीशनर का काम देती हैं और इससे बालों की मोटाई बढ़ती है। बाल समय से पहले सफेद नहीं होते। बालों का झड़ना भी बंद होता है। सिर की त्वचा की अनेक कमियां इससे दूर होती है।
इसकी पत्ती से बनी दवा से प्रसव संबंधी विकार, फोड़े-फुंसियाँ, और सूजन के उपचार में भी मदद मिलती है। गुड़हल का सत्व त्वचा में निखार और दमक लाता है।
गुड़हल के फूल का सत्व दिल की मजबूती के लिए उपयोगी है। यह जीवन शैली से जुड़ी समस्याओं जैसे कॉलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और मधुमेह की बीमारी में लाभ पहुँचाता है जो हृदय रोगों का कारण बनते हैं।
गुड़हल फूल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते हैं।
यूनानी दवाओं में गुड़हल काढ़े या चाय के तौर पर दिया जाता है। इसमें चीनी नहीं मिलाई जाती और इससे शरीर में ग्लकोज का संतुलित स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है।