डायबिटीज अब उम्र, देश व परिस्थिति की सीमाओं को लांघ चुका है। इसके मरीजों का तेजी से बढ़ता आंकड़ा दुनियाभर में चिंता का विषय बन चुका है। डायबिटीज के रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 'मधुमेह जागृति दिवस' मनाया जाता है। इस वर्ष 27 जून को Diabetes awareness day हैं। आइए, हम आपको बता रहे हैं डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के 10 असरकार घरेलू उपाय-
पेश हैं 10 खास उपाय मधुमेह रोगियों के लिए -
1 नींबू- मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है। अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नींबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है।
2 खीरा- मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए।
3 गाजर-पालक- इन रोगियों को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है।
4 शलजम- मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए। शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। अतः शलजम की सब्जी, पराठे, सलाद आदि चीजें स्वाद बदल-बदलकर ले सकते हैं।
5 जामुन- मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। जामुन को मधुमेह के रोगी का ही फल कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह में बेहद फायदेमंद हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन औषधि के रूप में खूब करना चाहिए।
6 जामुन की गुठली- जामुन की गुठली संभालकर एकत्रित कर लें। इसके बीजों जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है। गुठली का बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर की मात्रा कम होती है।
7 करेला- प्राचीन काल से करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका कड़वा रस शुगर की मात्रा कम करता है। मधुमेह के रोगी को इसका रस रोज पीना चाहिए। इससे आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। नए शोध के अनुसार उबले करेले का पानी, मधुमेह को शीघ्र स्थाई रूप से समाप्त करने की क्षमता रखता है।
8 मैथी- मधुमेह के उपचार के लिए मैथीदाने के प्रयोग का भी बहुत चर्चा है। दवा कंपनियां मैथी के पावडर को बाजार तक ले आई हैं। इससे पुराना मधुमेह भी ठीक हो जाता है। मैथीदानों का चूर्ण बनाकर रख लीजिए। नित्य प्रातः खाली पेट दो टी-स्पून चूर्ण पानी के साथ निगल लीजिए। कुछ दिनों में आप इसकी अद्भुत क्षमता देखकर चकित रह जाएंगे।
9 गेहूं के जवारे- गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण विद्यमान हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है। इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है। इसे ग्रीन ब्लड के नाम से पुकारा जाता है। जवारे का ताजा रस निकालकर आधा कप रोगी को तत्काल पिला दीजिए। रोज सुबह-शाम इसका सेवन आधा कप की मात्रा में करें।
10 अन्य उपचार- नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस, केले के पत्ते का रस चार चम्मच सुबह-शाम लेना चाहिए। आंवले का रस चार चम्मच, गुडमार की पत्ती का काढ़ा सुबह-शाम लेना भी मधुमेह नियंत्रण के लिए रामबाण है।
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