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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन : 10 सवाल, 10 जवाब

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प्रज्ञा मिश्रा

Corona

कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के 10 सवाल, लंदन से प्रज्ञा मिश्रा के जवाब 
 
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर वेबदुनिया देश के साथ-साथ विदेशों में चिकित्सा सेवा में लगे कोरोना योद्धाओं से भी संपर्क की कोशिश में है। इस कड़ी में आज प्रस्तुत है लंदन में चिकित्सा सेवा से जुड़ी सुश्री प्रज्ञा मिश्रा से बातचीत... 
1 : कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के लक्षण क्या हैं, कैसे होगी पहचान ?? 
 
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन, जो यूनाइटेड किंगडम और साउथ अफ्रीका में पाया गया है, इसके लक्षण ठीक वैसे ही हैं जैसे कोरोना के लक्षण हैं, क्योंकि दोनों वायरस एक ही है, नए स्ट्रेन में वायरस के mutation (यानी उत्परिवर्तन ) की वजह से नए प्रोटीन हैं। इसको इस तरह भी कहा जा सकता है कि वायरस का नया रूप है। वायरस का mutation आम बात है, वुहान में जिस वायरस से महामारी की शुरुआत हुई थी, उसके बाद वायरस बदल चुका है और जिस स्ट्रेन से दुनिया भर में तबाही मची है वो वुहान का स्ट्रेन नहीं है। 
2: वायरस के नए रूप से बचाव कैसे करें ? 
बचाव के तरीके में कोई बदलाव नहीं है, हाथ साफ़ रखें, अपने घर के बाहर के लोगों से दूरी बनाए रखें, फेस मास्क का इस्तेमाल करें जहां घर के बाहर के लोगों के संपर्क में आने की कोई भी वजह हो। मसलन आप बाज़ार जाएं, या बाहर का कोई व्यक्ति घर में आए.. 
 
यह वायरस छोटी छोटी बूंदों से फैलता है, इसलिए हाथों की सफाई बहुत ही जरूरी सावधानी है, बाहर से आएं तो हाथों को तुरंत साबुन से धोएं। 
3. जो वैक्सीन तैयार हो रही है क्या वो नए वायरस पर असरदार होंगी? 
बिलकुल, जिस दौर में अभी यह वायरस है, यह तीनों वैक्सीन नए और पुराने वायरस स्ट्रेन पर अपना असर दिखाएंगी... क्योंकि अभी तक इस वायरस के प्रोटीन में बहुत बड़ा बदलाव नहीं है। .. 
 
जिस तरह से हर वायरस की फितरत होती है वैक्सीन को चकमा देने की, यह वायरस भी खुद में बदलाव करके कभी न कभी वैक्सीन के असर से बचने में कामयाब होगा,लेकिन आज के दौर में इन वैक्सीन में बदलाव करना आसान है। 
 
यह बहुत कुछ फ्लू वायरस जैसा नतीजा दिखाई दे रहा है। 1918 में आयी महामारी का फ्लू वायरस, आज भी हमारे बीच मौजूद है, हर साल उसकी वैक्सीन में कुछ बदलाव होते हैं और लोगों के लिए फ्लू सीजन से पहले यह वैक्सीन तैयार होती हैं। कोरोना के बारे में दावे से कहना अभी जल्दबाजी होगी ,लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर वायरस में बदलाव होगा तो वैक्सीन में उसका तोड़ जल्द ही बना लिया जाएगा। 
4: नया स्ट्रेन कब और कैसे सामने आया ? 
यूके में पहली बार नया स्ट्रेन सितंबर में देखा गया था, लेकिन नवंबर में लंदन और उन इलाकों में जहां घूमने-फिरने पर कम पाबंदी थी, इस नए स्ट्रेन ने तेजी से फैलना शुरू किया हालांकि यह कहना पूरी तरह से सही नहीं होगा कि यह वायरस का नया स्ट्रेन ही है जो तेजी से फैला या लोगों की हरकतों की वजह से इसे फ़ैलाने में मदद मिली। लेकिन हकीकत यह है कि इस नए स्ट्रेन से लोग ज्यादा तेजी से बीमार हुए और यकीनन इन्फेक्शन रेट पहले lockdown की तुलना में कई गुना ज्यादा है। 

5: पुराने और नए स्ट्रेन में क्या फर्क है? 
दोनों स्ट्रेन एक ही वायरस के दो रूप हैं, फर्क सिर्फ वायरस में मौजूद प्रोटीन का है वायरस इंसानी कोशिका से प्रोटीन के सहारे जुड़ जाता है पुराने और नए स्ट्रेन में इसी प्रोटीन के आकार प्रकार में बदलाव है नए स्ट्रेन में यह प्रोटीन ज्यादा आसानी से इंसानी कोशिका से जुड़ जाता है और यही वजह है कि तेजी से फ़ैल रहा है।  

6: क्या यह ज्यादा मारक या संक्रामक है?  
यह सही है कि नया स्ट्रेन तेजी से फैला है लेकिन इसके ज्यादा मारक होने के पूरे सबूत नहीं हैं हां नया स्ट्रेन तेजी  से फैला है, उसकी वजह से ज्यादा लोग बीमार हुए हैं अस्पतालों में मरीज बढ़े हैं लेकिन जितनी मौत हुई हैं उनमें से कितने नए या पुराने स्ट्रेन की वजह से हुई हैं इन आंकड़ों को जांचने के बाद ही कुछ कहना बेहतर होगा।  

7: क्या नए स्ट्रेन का अच्छी और कमजोर इम्युनिटी से कोई संबंध है? 
किसी भी इन्फेक्शन का संबंध इम्युनिटी से ही होता है अगर कमजोर इम्युनिटी है तो कोई भी इन्फेक्शन आसानी से हो जाता है इम्युनिटी का मतलब शरीर की सुरक्षा व्यवस्था। अगर वो कमजोर है तो कोई भी वायरस बैक्टीरिया हमला बोल सकता है।   
 
कोरोना  के दोनों स्ट्रेन इसलिए खतरनाक हैं क्योंकि वो फेफड़ों पर असर डाल रहे हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ बढ़ती है। और अगर यह ज्यादा बढे तो शरीर के दूसरे सिस्टम पर असर पड़ता है और उससे complications यानी मुश्किलें बढ़ती हैं।   
8: यू के और दूसरे देशों ने क्या कदम उठाए हैं ?
हर देश उनके यहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या और मौतों की गिनती करने के बाद फैसला ले रहा है कि उनके लिए क्या बेहतर है फ्रांस में रात आठ बजे से कर्फ्यू है और जर्मनी में lockdown है इटली  और स्पेन में भी रात का कर्फ्यू है यू के में अभी lockdown चालू है जिसमें सिर्फ काम पर जाने की छूट है और दिन में एक बार घर से बाहर घूमने की छूट है यह यू के का तीसरा lockdown है और हर बार पुलिस नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना लगा रही है बहुत मुमकिन है कि यू के में रात का कर्फ्यू लगेगा लेकिन अभी कोई confirmation नहीं है। 
 9: इसे बच्चों के लिए खतरनाक बताया जा रहा है क्या यह सही है ?
ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है।   

10: भारत में इसका प्रभाव क्या और कैसा होगा ?
इसकी भविष्यवाणी करना नामुमकिन है पहले दौर में भी कोरोना का असर हर देश में अलग तरह से हुआ था वैसे ही इस दौर में भी अस्पताल में मरीजों रोज़ाना आने वाले नए पॉजिटिव केस और मौत के आंकड़ों पर नज़र रखने की जरूरत है अगर इन तीनों में कहीं भी अचानक तेजी आती है तो नियम कड़े करने होंगे।   
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