भारतीय राजनीति के चुनावी इतिहास में क्या मोदी का चेहरा बना ‘ब्रह्मास्त्र’?
गुजरात में भाजपा की जीत से मोदी ब्रांन्ड को और मिलेगी मजूबती ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत ने भारतीय राजनीति में मोदी ब्रॉन्ड को और मजबूत बना दिया है। 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने गुजरात में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान हर मंच से यह दावा कि भाजपा गुजरात में रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल करेगी और चुनाव परिणाम ने इस पर अपनी मुहर भी लगा दी है। गुजरात में 155 के करीब सीटों पर जीत हासिल कर माधव सिंह सोलंकी के सबसे अधिक सीटें जीतने के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में गुजरात में भाजपा ने 149 सीटें जीत हासिल की थी।
गुजरात से निकलकर देश के सियासी फलक पर धूमकेतु की तरह चमकने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य में भाजपा की ऐतिहासिक जी ने यह साबित कर दिया है कि मौजूदा चुनावी राजनीति में नरेंद्र मोदी का नाम ऐसे ब्राहास्त्र है, जिसके समाने हर कोई छोटा नजर आता है। यहीं कारण है कि गुजरात में भाजपा ने अपना पूरा चुनाव सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के चेहरे पर केंद्रित रखा और पूरे चुनाव में मोदी के चेहरे को भुनाने की कोशिश की है।
चुनाव दर चुनाव धूमकेतु की तरह चमकते नरेंद्र मोदी वह सियासी सितारे है जिनके व्यक्तित्व के बराबर कोई भी दूसरा शख्स सियासी फलक पर नजर नहीं आता है। 13 वर्ष तक गुजरात के मुख्यमंत्री और पिछले 8 वर्ष से देश की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व और कार्यशैली आज उनको एक अलग पायदान पर खड़ा करता है। आज देश की सियासत में नरेंद्र मोदी की बराबरी करने वाला कोई दूसरा विरोधी दलों में दूर-दूर तक नजर नहीं आता है।
गुजरात में नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में भाजपा ने 27 साल के एंटी इंकमबेंसी फैक्टर को दरकिनार कर सत्ता में लगातार सातवीं बार सत्ता में वापसी की। नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा ने गुजरात में तीन चौथाई से सीटें हासिल कर धमाकेदार वापसी की।
अगर चुनाव में मोदी के चेहरे पर भाजपा के जीत के ट्रैक रिकॉर्ड को देखे तो गुजरात में साल 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 127 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात के 2007 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 116 सीटें और 2012 में 115 सीटों पर जीत हासिल की थी।
वहीं गुजरात के बाद देश की राजनीति में आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की। नरेंद्र मोदी के ही करिश्माई नेतृत्व का कमाल था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में 1989 के बाद पहली बार किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला।
2014 के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ और बढ़ गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 300 का आंकड़ा पारकर 303 सीटें जीतकर सत्ता में जोरदार वापसी की।
गुजरात में मोदी के चेहरे पर जीत के कई सियासी मायने है। गुजरात के मुख्यमंत्री से निकलकर पिछले 8 साल से देश की बागडोर संभालने वाले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति जनता के अटूट विश्वास और उनके काम पर गुजरात के चुनाव परिणाम मोहर लगाते है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपने जनकल्याणकारी योजनाओं से देश के एक बड़े वर्ग को लाभान्वित करने का काम कर रहे है। बतौर प्रधानमंत्री पिछले आठ साल में नरेंद्र मोदी ने अपने फैसलों से ही देश के हर वर्ग, हर धर्म, हर संप्रदाय में मोदी है तो मुमकिन है की एक विलक्षण उम्मीद जगाई है।
गुजरात में भाजपा की ऐताहासिक और प्रचंड जीत मिशन 2024 के लिए बूस्टर डोज की तरह है। नरेंद्र मोदी के चेहरे पर 2024 का चुनाव लड़ने जा रही भारतीय जनता पार्टी ने 51 फीसदी वोटर शेयर हासिल करने का लक्ष्य रखा है और गुजरात में 55 फीसदी वोट शेयर हासिल कर भाजपा अब उस ओर आगे बढ़ चुकी है।