रैबीज एक खतरनाक रोग है। यह कुत्ते,बिल्ली, बन्दर इत्यादि जानवरों के काटने से फैलता है। यह एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जिससे दयनीय स्थिति में तड़पकर मृत्यु होती है। पर इसका इलाज संभव बनाया था लुइस पैश्चर ने जिन्हें 'FATHER OF MICROBIOLOGY' भी कहा जाता है।
6 जुलाई 1885 को जानवरों से मनुष्यों में होने वाली बीमारी जिसे जुनोटिक बीमारियां कहा जाता है, का पहला टीका विकसित किया गया है। यह रैबीज का था। इस प्रयोग में जिस व्यक्ति को टीका लगाया गया था वह ठीक होने लगा था अर्थात यह टीके का सफल परिक्षण था। इसी उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 6 जुलाई को वर्ल्ड जूनोसेस डे मनाया जाता है।
लुइस पैश्चर ने वैक्सीन निर्माण में बेहद महत्वूर्ण योगदान दिया था। रैबीज के टीका बनाने के साथ-साथ वह मुर्गियों से फैलने वाले हैजा का टीका बनाने वाले भी प्रथम इंसान थे। उन्होंने पहली बार किसी कमजोर विषाणु को आर्टिफीशियल रूप से एक टीके के रूप में प्रयोग किया था। उनके इस विशेष योगदान के कारण उन्हें 'फादर ऑफ माइक्रो' बायोलॉजी तो कहा जाता ही है साथ में 'HERO OF PROGRESS' की सूची में मानवता के लिए इतना करने के कारण 19वा स्थान भी प्राप्त है।