इंदौर के इस गणेश मंदिर की दीवार पर बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक, जानिए क्या है कारण

मध्यप्रदेश का सिद्ध गणेश मंदिर जहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं विनायक

WD Feature Desk
Kharjana Ganesh
: पूरे भारत में भगवान गणपति के कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी विचित्रताओं के लिए मशहूर हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित है। इंदौर का ये मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्द है और पूरे देश से इंदौर आए श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। खास बात है कि बप्पा के इस चमत्कारी मंदिर में भक्तों को अपनी मुराद पूरी करवाने के लिए उल्टा स्वास्तिक बनाना पड़ता है। आज इस आलेख में हम आपको इसी मंदिर के बारे में बता रहे हैं।ALSO READ: केरल में भगवान गणेश के इस मंदिर में आज भी मौजूद है टीपू सुल्तान की तलवार का निशान

कौन सा है यह मंदिर
मध्य प्रदेश के इंदौर में कई मंदिर हैं, जिनमें भगवान गणेश का काफी लोकप्रिय मंदिर है, खरजाना गणेश का मंदिर। इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति को स्वयंभू गणेश माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर काफी चमत्कारी है और भक्तों की मनोकामनाओं को जरूर पूरी करते हैं। इस मंदिर में हर बुधवार को भगवान गणेश की विशेष पूजा आयोजित की जाती है। गणेश चतुर्थी पर विनायक जयंति का आयोजन इस मंदिर में बहुत धूमधाम के साथ किया जाता है। यहां भक्त भगवान गणेश को अपनी मनोकामनाएं बताते हैं और उनके समक्ष लड्डू का भोग लगाते हैं।

क्या है खरजाना गणेश मंदिर का इतिहास
इंदौर का खजराना स्थित गणेश मंदिर का निर्माण 1735 में होलकर वंश की महारानी अहिल्या बाई ने करवाया था। कहा जाता है कि औरंगजेब के शासनकाल में जब हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों को तोड़ा जा रहा था, उस समय इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति को एक कुएं में छिपा दिया गया था। सालों बाद मंदिर के पंडित मंगल भट्ट को सपने में भगवान गणेश ने अपनी उपस्थिति का अहसास दिलवाया।

मंगल भट्ट ने महारानी अहिल्या बाई होल्कर को अपने सपने के बारे में बताया। उन्होंने इस सपने की बात को बेहद गंभीरता से लिया और सपने के अनुसार उस जगह खुदाई करवाई। खुदाई के बाद ठीक वैसी ही भगवान गणेश की मूर्ति प्राप्त हुई जैसा पंडित मंगल भट्ट ने बतायी थी। इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया।

बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक
अपनी मनोकामना पूरी करवाने के लिए इस मंदिर में बड़ा ही अनोखा तरीका अपनाया जाता है। खजराना मंदिर में भगवान गणेशजी के मंदिर के पीछे दीवार यानी गणेशजी की पीठ पर लोग उल्टा स्वास्तिक चिह्न बनाते हैं। जब उनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं तो वापस इस मंदिर में आकर सीधा स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर जाते हैं। ऐसा यहां पिछले कई सालों से होता आया है। कहा जाता है कि मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से हर मुराद पूरी होती है। इसके अलावा भक्त मंदिर की 3 परिक्रमा करने के लिए मंदिर की दीवार पर धागा बांधते हैं। कहा जाता है इससे भी उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

टीम इंडिया मानती है सुपर सिलेक्टर
खरजाना गणेश की ख्याति इतनी ज्यादा है कि भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य भी खरजाना गणेश को टीम का सुपर सिलेक्टर मानते हैं। कहा जाता है कि टीम इंडिया का कोई भी सदस्य अगर इंदौर आता है, तो वह खरजाना गणेश मंदिर में बाप्पा के आर्शिवाद लेने जरूर जाता है। क्रिकेटर अजिंक्य रहाणे ने एक बार कहा था कि बाप्पा का आर्शिवाद मिलने के बाद ही कोई खिलाड़ी टीम में सिलेक्ट होता है और अच्छा प्रदर्शन भी करता है। टीम इंडिया इन्हें सुपर सिलेक्टर मानती है।

देश से सबसे धनी मंदिरों में से है एक
इंदौर के खरजाना गणेश का मंदिर देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की गिनती शिर्डी साईं बाबा और तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के साथ की जाती है। इस मंदिर में भक्त दिल खोलकर ऑनलाइन चढ़ावा चढ़ाते हैं और हर साल मंदिर की दानपेटियों में काफी अच्छी खासी रकम विदेशी मुद्राओं से भरी रहती है। इससे ही यह पता चलता है कि इस मंदिर में विदेशों से आने वाले भक्तों की संख्या भी काफी ज्यादा होती है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी की 3 पौराणिक कथाएं

Tulsi Vivah vidhi: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

Tulsi vivah Muhurt: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त क्या है, जानें विधि और मंत्र

सभी देखें

धर्म संसार

09 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

09 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

ज्योतिष की नजर में क्यों हैं 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Akshaya Navami 2024: आंवला नवमी पर इस कथा को पढ़ने या सुनने से मिलता है अक्षय फल

अगला लेख
More