Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

2019 को भूलना चाहेगा वाहन उद्योग, 2020 से लगाई हैं काफी उम्मीदें

हमें फॉलो करें 2019 को भूलना चाहेगा वाहन उद्योग, 2020 से लगाई हैं काफी उम्मीदें
, शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019 (17:22 IST)
नई दिल्ली। वाहन उद्योग 2019 को भूलना चाहेगा। इस साल वाहन क्षेत्र को जबर्दस्त सुस्ती का सामना करना पड़ा है। ऐसे में वाहन क्षेत्र उम्मीद कर रहा है कि 2020 का वर्ष उसके लिए अच्छा रहेगा। वाहन क्षेत्र उम्मीद कर रहा है कि नए मॉडलों और अपग्रेड मॉडलों के बूते वह 2020 में अच्छी वृद्धि दर्ज कर पाएगा।

उद्योग को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था सुस्ती से उबरकर फिर राह पकड़ेगी और वाहनों के शोरूम में फिर खरीदारों की भीड़ दिखेगी। हालांकि वाहन उद्योग के समक्ष एक और चुनौती भारत चरण 4 (बीएस-4) से सीधे भारत चरण 6 (बीएस-6) उत्सर्जन मानकों की ओर जाने की है। इसके अलावा उनके समक्ष नए सुरक्षा नियमों की भी चुनौती है। इनसे निश्चित रूप से वाहनों के दाम बढ़ेंगे।

2 साल में एक बार होने वाली प्रमुख वाहन प्रदर्शनी ऑटो एक्सपो नजदीक है। वाहन उद्योग उम्मीद कर रहा है कि इस ऑटो एक्सपो के जरिए वह उपभोक्ताओं को आकर्षित कर पाएगा। इस साल यानी 2019 में दोपहिया से लेकर कारों तथा हैवी ड्यूटी ट्रकों सभी खंडों में बिक्री में गिरावट दर्ज हुई। यह गिरावट इतनी अधिक है कि उद्योग का अनुमान है कि 2019-20 के वित्त वर्ष में उसकी थोक बिक्री इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 से 17 प्रतिशत कम रहेगी।

बिक्री में भारी गिरावट की वजह से वाहन कंपनियों को परिचालन में कई तरह की दिक्कतें आईं। वाहन कंपनियों को कई बार अपने उत्पादन में कटौती करनी पड़ी। इस क्षेत्र में सुस्ती का आलम यह रहा है कि डीलरशिप से लेकर वाहन कलपुर्जा खंड तक करीब 3.5 लाख लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी।

हालांकि तमाम परेशानियों के बावजूद वाहन उद्योग ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम का मानना है कि 2020-21 में चीजें सुधरेंगी। सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि बीएस-6 लागू होने जा रहा है, ऐसे में 2020 काफी रोमांचक साल होगा।

लेकिन उद्योग की उम्मीद किस बात पर टिकी है? इस बारे में वढेरा ने कहा कि अगले साल के शुरू में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने की उम्मीद है। पिछले साल के निचले आधार प्रभाव और नए मॉडलों की उपलब्धता से वाहन क्षेत्र की वृद्धि को समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से क्षेत्र की स्थिति में सुधार शुरू हो जाएगा, जो तीसरी तिमाही से दिखने लगेगा।

वढेरा ने कहा कि बीएस-6 के क्रियान्वयन का मतलब है कि पुराना सारा स्टॉक निकालना होगा। नया स्टॉक बनाना होगा। नए बीएस-6 अनुकूल वाहन पेश करने होंगे। इससे निश्चित रूप से वाहनों का उत्पादन और बिक्री बढ़ेगी।

हालांकि प्रौद्योगिकी के अद्यतन की वजह से वाहनों की लागत 8 से 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी। ऐसे में उद्योग को आशंका है कि इससे उसकी बिक्री और घट सकती है। वढेरा ने कहा कि अतिरिक्त लागत के इस दबाव से उबरने के लिए सियाम ने सरकार से वाहनों पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की दर को 28 से घटकर 18 प्रतिशत करने की मांग की है। साथ ही वाहनों के लिए एक प्रोत्साहन वाली कबाड़ नीति लाने की भी मांग की है। यदि इन मांगों को मान लिया जाता है तो निश्चित रूप से वाहन उद्योग की स्थिति सुधरेगी।

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची आयुकावा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 2020 उद्योग के लिए बेहतर वर्ष साबित होगा। आयुकावा ने कहा कि यह अनुमान लगाना कठित है कि वाहन उद्योग की स्थिति कब तक सुधरेगी लेकिन हमारा मानना है कि यह उद्योग तेजी से आगे बढ़ता रहेगा।

हुंदै मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएस किम ने कहा कि संभवत: बीएस-6 नियम लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को इसे समझने में कुछ समय लेगा। लेकिन मैं कहूंगा कि अगले साल की दूसरी छमाही से हम मांग में निश्चित रूप से सुधार देखेंगे।

होंडा कार्स इंडिया के अध्यक्ष एवं सीईओ गाकू नाकानिशी ने कहा कि इस साल उद्योग पहले ही अपने निचले स्तर को छू चुका है। हमें सुधार की रफ्तार का अनुमान नहीं है लेकिन निश्चित रूप से अगले वित्त वर्ष से स्थिति सुधरेगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पर्रिकर का जाना, उपचुनाव और कांग्रेस में बगावत गोवा की राजनीतिक सुर्खियां रहीं