नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए 2019 भी शानदार रहा। इन कंपनियों के लिए प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (AUM) में इस साल चार लाख करोड़ रुपए का जोरदार इजाफा हुआ है।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा निवेशकों का भरोसा कायम करने के लिए उठाए गए कदमों तथा ऋण योजनाओं में मजबूत प्रवाह से म्यूचुअल फंड उद्योग की यह रफ्तार अगले साल भी जारी रहेगी।
ऋण आधारित योजनाओं में भारी निवेश की वजह से 2019 म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए एक अच्छा वर्ष साबित हुआ है। बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से इक्विटी कोषों में इस साल निवेश का प्रवाह घटा है।
एम्फी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा कि 2020 में यह उद्योग 17 से 18 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करेगा। शेयर बाजारों में सुधार की उम्मीद के बीच इक्विटी कोषों में निवेश का प्रवाह सुधरेगा।
एम्फी के आंकड़ों के अनुसार म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां या एयूएम 2019 में 18 प्रतिशत यानी 4.2 लाख करोड़ रुपए बढ़कर नवंबर के अंत तक 27 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गईं। यह इसका सर्वकालिक उच्चस्तर है।
दिसंबर, 2018 के अंत तक म्यूचुअल फंड कंपनियों का एयूएम 22.86 लाख करोड़ रुपए था। 2019 लगातार सातवां साल रहा है जबकि म्यूचुअल फंड उद्योग का एयूएम बढ़ा हैं। नवंबर, 2009 में उद्योग का एयूएम 8.22 लाख करोड़ रुपए था, जो नवंबर, 2019 तक 27 लाख करोड़ रुपए हो गया। यानी दस साल में एयूएम तीन गुना हो गया है।
इस साल इक्विटी से संबंधित योजनाओं में निवेश का प्रवाह 70,000 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले साल के 1.3 लाख करोड़ रुपये की तुलना में काफी कम है। नवंबर में इन योजनाओं में निवेश 41 माह के निचले स्तर यानी 1,312 करोड़ रुपए रहा।