Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

व्यापार 2019 : आर्थिक सुस्ती, बैंकों का विलय समेत 10 बड़ी घटनाएं जिन्होंने आप पर डाला सीधा असर

Advertiesment
हमें फॉलो करें Flashback 2019

नृपेंद्र गुप्ता

, मंगलवार, 17 दिसंबर 2019 (20:17 IST)
वर्ष 2019 व्यापार जगत के लिए कुछ खास नहीं रहा और व्यापारी इस वर्ष को जल्द ही भुला देना चाहते हैं। मोदी सरकार 2.0 आर्थिक मोर्चे पर जूझती नजर आई। नोटबंदी और GST से परेशान व्यापारियों के लिए आर्थिक सुस्ती परेशानी का सबब बन गई। शेयर बाजार और सोने दोनों के बढ़ते दामों ने मार्केट एकसपर्ट्स को भी हैरान कर दिया। सरकार ने उद्योगजगत के लिए पैकेज घोषित कर राहत की बौछार की हालांकि यह प्रयास ज्यादा कारगर साबित नहीं हुआ। कॉर्पोरेट टैक्स और कैपिटल गैन टैक्स में बड़ी राहत देकर सरकार ने उद्योगपतियों को कुछ हद तक खुशी देने का प्रयास किया। आइए नजर डालते हैं 2019 में व्यापार जगत से जुड़ी 10 बड़ी घटनाओं पर एक नजर:  
 
1. आर्थिक सुस्ती : मोदी सरकार लोगों को 5 ट्रिलियन का सपना दिखाती रही और दबे पांव आर्थिक सुस्ती ने देश को अपनी जकड़न में ले किया। इस आर्थिक आपदा ने 2019 में कारोबार जगत को जमकर परेशान किया। ऑटोमोबाइल, खनन, रिटेल से लेकर रिअल स्टेट सेक्टर तक इससे परेशान रहे। यह सुस्ती संरचनात्मक है या चक्रीय, आर्थिक विशेषज्ञ इस बात पर उलझे दिखाई दिए।
 
सरकार ने इससे निपटने और ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए। विशेष राहत पैकेज के नाम पर खजाने का मुंह खोल दिया गया। हजारों करोड़ रुपए इस आर्थिक संकट से देश को निकालने के लिए खर्च किए गए। GST दरों में भी आमूलचूल बदलाव किया गया पर समस्या से पूरी तरह निजात नहीं मिल सकी।
2. बैंकों का विलय : यह साल बैंकिंग सेक्टर का हाल बेहाल कर गया। सरकार ने बैंकों की सेहत सुधारने के लिए कई बड़े फैसले लिए इनमें एक महत्वपूर्ण निर्णय 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाना है। इस कदम से सरकारी बैंकों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। इसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जाएगा। केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय होगा और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा। यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा।
 
इसी वर्ष विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय सफलतापूर्वक पूरा हुआ और इससे सरकार को बैंक सुधार पर आगे बढ़ने में मदद मिली। वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि विलय के बावजूद बैंक कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाएगी।
 
3. जीडीपी 26 तिमाहियों के निचले स्तर पर : एक तरफ केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन तक ले जाने का दावा कर रही है, वहीं जीडीपी में हुई गिरावट ने इस दावे पर ही सवाल उठा दिए हैं। 2019 में तिमाही में विकास दर (जीडीपी) घटकर 4.5 पर आ गई है। यह 26 तिमाहियों के निचले स्तर तक पहुंच गई है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 7.0 प्रतिशत रही थी। भारत की ग्रोथ रेट को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े कदम उठाए हैं। हालांकि इसके परिणाम जानने के लिए सभी को 2020 तक प्रतिक्षा करना होगी।
 
4. टॉप पर शेयर बाजार : जीडीपी के लगातार गिरने के बाद भी शेयर बाजार का कुलाचे भरना लोगों को हैरान कर रहा है। 2018 की तरह ही 2019 में भी BSE और NSE ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस वर्ष जहां सेंसेक्स 40 हजारी हो गया तो निफ्टी भी लगभग पूरे साल ही 5 अंकों में बना रहा। सेंसेक्स ने इस वर्ष नया कीर्तिमान गढ़ते हुए 41000 के पार पहुंच गया तो निफ्टी भी 12000 के स्तर पर जा पहुंचा। कुल मिलाकर सेंसेक्स ने इस वर्ष 12% की वृद्धि दर्ज की। प्रदेश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जोरदार तेजी दर्ज की गई और कंपनी का मार्केटकैप 9.96 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
 
पेट्रोलियम, आईटी, सुगर सेक्टर में निवेश करने वाले फायदे में रहे तो बैंकिंग, एनबीएफसी, ऑटोमोबाइल पर दांव लगाना निवेशकों को खासा महंगा पड़ा। हालांकि आशंका जताई जा रही है कि यदि अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत नहीं मिले, तो बाजार की तेजी पर जल्द ही ब्रेक लग सकता है। बाजार विशेषज्ञ इस समय निवेशकों को लार्ज कैप के शेयरों में निवेश की सलाह दे रहे हैं। इस बार शेयर बाजार की दिशा बजट तय करेगा।
 
5. महंगाई : प्याज के बढ़ते दामों ने 2019 में लोगों की आंखों में आंसू ला दिए। प्याज के बढ़ते दामों पर नियंत्रण के सभी सरकारी प्रयास विफल होते नजर आए और मदुरै में तो यह 200 रुपए किलो तक पहुंच गए। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से को जारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर महीने में महंगाई 4.62 फीसदी से बढ़कर 5.54 फीसदी हो गई है। यह पिछले 3 साल में सबसे ज्यादा है। खाने-पीने की महंगाई दर 10.1 फीसदी रही, जो अक्टूबर में 7.89 फीसदी थी।
 
6. बढ़े सोने के दाम : आर्थिक सुस्ती गहराने की आशंका के बीच सोने और चांदी में तेजी का माहौल रहा। सोना 40000 हजार पार पहुंच गया तो चांदी ने भी 52000 का स्तर छुंआ। हालांकि सोने में तेजी के बाद भी बाजार में लेवाल कम दिखे। उच्च स्तर पर लेवाली की कमी के चलते स्थानीय सराफा व्यापारी भी कुछ हद तक निराश दिखाई दिए। 1 जनवरी 2020 से बाजार में हालमार्क वाला सोना ही बिकेगा। चांदी के जेवरों में भी हॉलमार्किंग की तैयारी है।
 
शेयर बाजार एक्सपर्ट योगेश बागौरा के अनुसार, 2020 में अमेरिका में चुनाव होने के कारण बाजार रेंज बाउंड ही रहेगा। हालांकि सोने, चांदी में कुछ तेजी दिखाई दे सकती है। 
 
7. जीएसटी में बड़े बदलाव : आर्थिक सुस्ती से परेशान सरकार ने GST में इस साल आमूलचूल परिवर्तन किए। GST रजिस्ट्रेशन में आधार अनिवार्य कर दिया है। कई वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले टैक्स के स्लैब में बदलाव किया गया। होटल, वाहन उद्योग, घर, रक्षा उत्पाद समेत कई वस्तुओं को राहत दी। सरकार ने जीएसटी घटने के बाद दाम नहीं घटाने वाली कंपनियों को भी दंडित किया। GST चोरी रोकने के लिए फैसला किया गया कि अब सरकारी पोर्टल से ही सौदों के चालान निकलेंगे। 
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात को स्वीकार किया कि मौजूदा रूप में जीएसटी में कुछ खामियां हो सकती हैं। उन्होंने कर पेशेवरों से कहा कि वे इसे कोसना छोड़कर बेहतर बनाने के बारे में सुझाव दें। 
 
8. कॉर्पोरेट टैक्स और कैपिटल गैन टैक्स में बड़ी राहत : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर 2019 में कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का एलान किया। कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटाने के साथ ही कैपिटल गेन पर सरचार्ज भी खत्म कर दिया गया है। कंपनियों के लिए आयकर की दर करीब 10 प्रतिशत घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दी तथा नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर घटाकर 17.01 प्रतिशत कर दी गई। उम्मीद की जा रही है कि सरकार के इस कदम से आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी।
 
9. टोल नाकों पर फास्टैग : जाते जाते भी 2019 वाहन चालकों को बड़ा झटका दे गया। पहले यातायात के नियम बदल गए और फिर टोल नाकों पर फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया। जिन गाड़ियों पर फास्टैग नहीं होगा उन पर दोगुना फाइन लगेगा। केंद्र सरकार फास्टैग से ईंधन भरने, पार्किंग का शुल्क भरने आदि की सुविधा शुरू करने जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि 2020 में उन गाड़ियों का बीमा नहीं होगा जिन पर फास्टैग नहीं लगा हो।
 
10. 20 रुपए का नया नोट : RBI ने 2019 में देशवासियों को 20 रुपए के नए नोट की सौगात दी। नए नोट के बीच में महात्मा गांधी की तस्वीर है। इसके साथ ही बहुत छोटे लेटर्स में RBI, Bharat, India और 20 लिखा है। नोट पर गवर्नर के दस्तखत वाला शपथ पत्र भी है। 2019 में लगभग पूरे ही वर्ष 2000 के नोट बंद होने की अफवाह उड़ती रही और सरकार तथा RBI को परेशान करती रही।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शर्मनाक, मध्यप्रदेश में 2 सालों में 10000 से ज्यादा बलात्कार