6 popular saint of 2019 : वर्ष 2019 के 6 सबसे ज्यादा चर्चित संत

अनिरुद्ध जोशी
वर्ष 2019 घटनाप्रधान वर्ष रहा है। इसमें जहां राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली वहीं धर्म क्षेत्र में भी काफी कुछ देखने को मिला। बहुत अधिक धार्मिक घटनाओं के बीच वर्ष 2019 के निम्नलिखित 5 संत सबसे ज्यादा चर्चा में रहे।
 
 
1. श्रीश्री रविशंकर : सुदर्शन क्रिया के जनक और ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर वैसे तो हर वर्ष चर्चा में ही रहते हैं लेकिन इस पूरे वर्ष वे अपने बयानों और कार्यों के लेकर चर्चा में रहे हैं। खासकर श्रीश्री अयोध्या मामले में दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता को लेकर काफी चर्चा में रहे। 08 मार्च 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर, श्रीराम पंचू और जस्टिस एफएम खलीफुल्ला को अयोध्या केस में मध्यस्थता करने की मंजूरी प्रदान की थी। इसमें रुचि दिखाते हुए श्रीश्री रविशंकर और उनकी टीम ने मध्यस्था करके आपसी सहमती से इस मसले का हल निकालने का प्रयास किया लेकिन बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के अड़ियल रवैये के चलते वे इसमें असफल रहे। तब कोर्ट ने 6 अगस्त से केस में प्रतिदिन सुनवाई की डेट फिक्स कर दी। इसके बाद अयोध्या मामले में फैसला आया।
 
 
2. बाबा रामदेव : इस वर्ष बाबा रामदेव तीन कारणों से चर्चा में रहे पहला तो राहुल गांधी की तारीफ करने को लेकर, दूसरा उनकी सेहत को लेकर सोशल मीडिया पर उड़ी अफवाह के चलते और तीसरा पतंजलि की रिकार्ड कमाई और प्रॉडक्ट को लेकर सोशल मीडिया पर उड़ी अफवाह के चलते। बाबा रामदेव का राजनीति ने नाता भले ही ना हो लेकिन राजनीति का उनसे नाता जरूर है इसीलिए वे कई बार वे विरोधियों के निशाने पर आ जाता हैं। खुशी की बात यह है कि पतंजलि आयुर्वेद ने वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर महीने के दौरान रिकॉर्डतोड़ कमाई की। इसके साथ ही, कंपनी की कुल आमदनी अब 3,562 करोड़ रुपए पर पहुंच गयी।
 
 
3. सद्गुरु जग्गी वासुदेव : जग्गी वासुदेव को अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए जाना जाता है। इस वर्ष उन्होंने हिन्दीभाषी लोगों के बीच भी अपने विचारों का प्रसार किया। उन्हें खासकर अपने ईशा फाउंडेशन के माध्यम से कावेरी नदी को बचाने का अभियान छेड़ रखा है। उन्होंने ‘रैली फॉर रिवर’ के लिए मिस्डकॉल आंदोलन अभियान चलाया था। सद्गुरु ने देश की हर समस्या पर अपने विचार व्यक्त किए और उनके बारे में समाधान को भी प्रस्तुत किया है। प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु अपने दर्शन को बताने के लिए विज्ञान का उपयोग करते हैं और युवाओं सकारात्मक तरीके से प्रेरित करने के लिए अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हैं।
 
4.योगी आदित्यनाथ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक गोरखपंथी संत है। वे गोरखनाथ मठ के महंत हैं जिनसे हजारों संत जुड़े हुए हैं। वैसे तो महंत योगी आदित्यनाथ हर समय चर्चा और विवादों में रहते हैं लेकिन 2019 में उन्होंने अयोध्या में जो कार्य किए उसके लिए खासे चर्चित रहे हैं। इस बार अयोध्या में भव्य दीपावली मनाने की परंपरा को उन्होंने फिर से पुनर्जिवित किया है और साथ ही उन्होंने जनवरी 2019 में प्रयागराज कुंभ मेले में आधुनिक सुविधाओं के साथ भव्य आयोजन करवाकर देश-विदेश में और साधु-संतों की प्रशांसा बटोरी थीं।
 
 
6. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती : कहते हैं कि शंकराचार्य को राजनीति से दूर रहना चाहिए लेकिन स्वरूपानंद सरस्वती ऐसे नहीं हैं वे देश की हर राजनीतिक घटना पर अपनी नजर ही नहीं रखते हैं बल्कि अपनी राय भी व्यक्त करते हैं। उनकी राय या विचार अक्सर सत्ता पक्ष के खिलाफ होती है। कुछ वर्ष पूर्व शिरडी के सांई बाबा का विरोध करके उन्होंने बहुत सुर्खियां बटोरी थी। वे शनिदेव के भी विरोधी हैं। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में अकाल इसलिए आ रहा है, क्योंकि वहां शनि और साईं की पूजा हो रही है। हालांकि शंकराचार्य ने इस बार 2019 में राम मंदिर, सीएबी, एनआरसी और बेटियों द्वारा दाह संस्कार एवं पिंडदान करने को लेकर काफी कुछ बोला है, जो विवादित रहा है। वे कहते हैं कि महिलाएं पीएम तो बन सकती हैं लेकिन शंकराचार्य नहीं। शंकराचार्य अपनी अजीब थ्‍योरी के लिए जाने जाते हैं।
 
 
इसके अलावा आप नाम लेना चाहें तो राधा स्वामी संत्संग के प्रमुख गुरुविंदर सिंह ढिल्लो, ब्रह्माकुमारी की दीदी शिवानी, स्वामी गंगा एक्शन परिवार और परमार्थ निकेतन ऋषिकेष प्रमुख के प्रमुख चिदानंद सरस्वती और दलाई लामा आदि का नाम भी ले सकते हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र, 16 विधेयक पेश करने की तैयारी, वक्फ बिल पर सबकी नजर, अडाणी मामले पर हंगामे के आसार

असम के CM हिमंत का बड़ा फैसला, करीमगंज जिले का बदला नाम

Share Bazaar में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5.27 लाख करोड़ रुपए

PM मोदी करेंगे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का शुभारंभ

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

अगला लेख
More