फीफा विश्व कप में नॉकआउट की दौड़ के लिए चल रहे एक डू ऑर डाई मैच से पहले नाइजीरियाई कप्तान जॉन ओबी मिकेल के पिता का अपहरण हो गया। मिकेल को इस बारे में पता था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने देश को नॉकआउट में पहुंचाने का भरसक प्रयास किया।
नाइजीरिया के आखिरी ग्रुप में अर्जेंटीना के खिलाफ होने वाले मुकाबले से कुछ देर पहले ही मिकेल को इस बात का पता चला था कि उनके पिता का अपहरण हो गया है। अर्जेंटीना ने नाइजीरिया को 2-1 से हरा दिया था।
'द गार्जियन' ने मिकेल के हवाले से लिखा है, 'मैं उस समय खेला जब मेरे पिता बंधकों की गिरफ्त में थे। मुझे इस बुरी खबर से आगे निकलना था।' चेल्सी के लिए खेल चुके इस मिडफील्डर को पिता के अपहरण की खबर तब लगी, जब वह पिछले सप्ताह टीम बस में स्टेडियम आ रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक मिकेल से कहा गया था कि वह अपहरणकर्ताओं को फोन करें। ऐसा करने पर उनसे फिरौती की रकम मांगी गई। मिकेल ने कहा कि वह नाइजीरिया फुटबॉल महासंघ में किसी को भी इस बारे में बता नहीं सकते थे।
उन्होंने कहा, 'मैं भावनात्मक तौर पर टूट चुका था। मुझे फैसला लेना था कि क्या मैं मानसिक तौर पर खेलने के लिए तैयार हूं। मैं असमंजस में था। मैं नहीं जानता था कि मैं क्या करूं। अंत में मैंने फैसला लिया कि मैं अपने देश के तमाम लोगों को निराश नहीं कर सकता।'
उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात को अपने दिमाग से बाहर निकालना पड़ा और अपने देश का नेतृत्व करना पड़ा। मैं अपने कोच और संघ को भी नहीं बता सकता था।।'
मिकेल ने कहा, 'मुझसे कहा गया था कि अगर मैंने यह बात किसी को बताई, तो वो मेरे पिता को मार देंगे। मैं इस बात को कोच के साथ भी साझा नहीं कर पाया था, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि कोई बखेड़ा खड़ा हो।'
मिकेल को उस समय राहत मिली कि जब सोमवार को दिन में उनके पिता सही सलामत वापस आ गए। मैं पुलिस का मदद करने के लिए धन्यवाद देता हूं।