Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

फीफा विश्व कप 2018: रेफरी बनने से पहले कोई था टीचर तो कोई खुद था खिलाड़ी

हमें फॉलो करें फीफा विश्व कप 2018: रेफरी बनने से पहले कोई था टीचर तो कोई खुद था खिलाड़ी
, शनिवार, 23 जून 2018 (16:30 IST)
विश्व विश्व कप 2018 शुरू हो चुका है और इसका रोमांच पूरे चरम पर हैं। कई रोमांचक मुकाबलें इस महाकुंभ में देखने को मिल रहे हैं। मैच के दौरान दोनों टीमों के खिलाडि़यों के अलावा एक और शख्स हमें मैदान पर दिखता हैं जो हाथ में सिटी लिए खिलाडियों को दिशानिर्देश देता है, कभी कभी येलो या रेड कार्ड दिखाता हैं। यह है फुटबॉल रेफरी जो इस गेम की जान होते हैं।
 
 
इस विश्व कप में कुल 36 रेफरी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस विश्व कप में कुछ ऐसे रेफरी भी है जिनकी पृष्ठभूमि बहुत ही रोचक हैं। इनमें से कोई टीचर है, कोई हीरो रह चुका है।

आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ रेफरी की पृष्ठभूमि के बारे में...
 
नेस्टर पिटाना- 
webdunia
अर्जेंटीना के रहने वाले नेस्टर पिटाना पहले एक अभिनेता थे। हट्टे कट्टे दिखने वाले नेस्टर स्पोर्ट्स टीचर भी रहे हैं और बच्चों को जिमनास्टिक सिखाते थे। पिटाना फीफा विश्व कप 2014 में भी रेफरी थे।
 
मार्क गाइगर- 
webdunia

मार्क गाइगर अमेरिका के रहने वाले है। ट्रेंटन स्टेट कॉलेज से टिचिंग के अध्ययन के बाद वे न्यू जर्सी में गणित पढ़ाते थे। मार्क गणित और साइंस के एक्सपर्ट रहे हैं और 2010 में उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित भी किया गया था। मार्क फीफा विश्व कप 2014 मे भी रेफरी रहे थे।
 
ब्यॉन कायपर्स- 
webdunia

नीदरलैंड के रहने वाले ब्यॉन कायपर्स के पिता भी रेफरी थे, उन्होंने ही ब्यॉन को रेफरी बनने के लिए प्रेरित किया था। ब्यॉन ने राडबाउड यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई भी की है। वह एक सुपरमार्केट के मालिक हैं और अपने होमटाउन में एक बार्बर शॉप भी चलाते हैं। 
 
रवशान इरमातोव- 
webdunia
उजबेकिस्तान के रहने वाले रवशान इरमातोव 2010 और 2014 के विश्व कप में भी वो रेफरी रहे थे। रवशान के पिता भी एक रेफरी थे। रवशान एक खिलाड़ी थे लेकिन चोट ने उनका करियर खत्म कर दिया। उसके बाद उनके पिता ने उन्हें रेफरी बनने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बच्चों को कोचिंग देने लगे। रवशान बताते हैं कि उनके पिता किसी यूथ टीम के इंजार्ज थे और रवशान अपने पिता को टीम संभालने को लेकर मदद कर रहे थे। किसी मैच के दौरान रेफरी नहीं आ पाया तो उनके पिता ने उन्हें ही सीटी पकड़ा दी और कहा कि, ट्राय करो। उसके बाद उन्हें रेफरी के काम में बहुत मजा आने लगा। रवशान फीफा के सबसे एलीट रेफरीस में से एक हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

FIFA WC 2018 : पोलैंड और कोलंबिया के बीच रोमांचक मुकाबले की उम्मीद