भोपाल। नए कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों के मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में विपक्षी दलों के आने के बाद अब पूरी भाजपा एक सुर में पूरी ताकत के साथ कांग्रेस और देश के पूर्व कृषि मंत्री और एनसीपी नेता शरद पावर पर हमला बोल रही है। दिल्ली में जहां केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉफ्रेंस कर हमले की कमान संभाली तो भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ताबड़तोड़ प्रेस कॉफ्रेंस कर कांग्रेस पर हमला किया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो वेल यात्रा में शामिल होने तमिलानडु गए थे,उन्होंने हैदराबाद में प्रेस कॉफ्रेंस कर कांग्रेस सहित किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे विपक्षी दलों पर हमला बोला। मीडिया से बात करते हुए शिवराज ने कहा कि आज किसानों के नाम पर कांग्रेस और विपक्ष की अन्य पार्टियां जिस तरह पांखड कर रही है उसका खुलासा वह सबूतों के साथ कर रहे है।
प्रेस कॉफ्रेंस में शिवराज ने 2011 में यूपीए सरकार के समय तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार का एपीएमसी एक्ट को लेकर राज्य सरकार को लिखा गया एक पत्र दिखाते हुए कहा कि खुद कांग्रेस ने एपीएमसी एक्ट में बदलाव की बात कही थी। शिवराज ने कहा कि 2011 में यूपीए सरकार के समय पत्र लिखकर सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, शरद पवार एपीएमसी एक्ट लागू करने के बात कह रहे थे वह आज उसी एक्ट को लेकर जमीन आसमान एक कर रहे थे ।
कांग्रेस ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अपने अग्रेजी घोषणापत्र में एपीएमसी एक्ट को निरस्त करने और हिंदी घोषणापत्र में इसे संशोधित करने का वादा किया था। 2013 में राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फलों और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करने का ऐलान किया था।
यूपीए सरकार में तत्कालीन केंद्रीय कृषि एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री शरद पवार ने अगस्त 2010 और नवंबर 2011 के बीच सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर बार-बार मॉडल एपीएमसी एक्ट को लागू करने और स्टेट एपीएमसी एक्ट्स में संशोधन के लिए कहा था। आज जब मोदी सरकार ने इसको लागू कर रही तो पता नहीं क्यों कांग्रेस ने इससे यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज भ्रमित करने वाली राजनीति न करे, जब वह मोदी जी से सीधे मैदान में मुकाबला नहीं कर सकती तो फिर इस तरह छल-कपट करती है।
शिवराज ने राहुल गांधी के कृषि कानूनों के विरोध करने पर कहा कि जिन्हें ये नहीं पता कि प्याज जमीन के अंदर होती है या ऊपर वो कृषि कानून पर ट्वीट करते है। शिवराज ने कहा कि कांग्रेस किसानों को भ्रमित कर अपनी राजनीति चमकाने का घृणित प्रयास कर ही है।
शिवराज ने कहा कि एमएसपी के बारे में कांग्रेस और यूपीए के सहयोगी दल किसानों को भड़का रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री जी कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि एमएसपी बंद नहीं होगी, यह जारी रहेगी। एमएसपी के जरिए मोदी सरकार ने किसानों की जितनी चिंता की है, यूपीए की सरकार ने कभी नहीं की। शिवराज ने कहा कि एमएसपी के नाम पर हायतौबा मचाने वाली सोनिया जी, मनमोहन जी और राहुलबाबा यह बताएं कि उनकी सरकारों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कितनी खरीदी की थी?
उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार ने 2009 से 2014 तक एमएसपी पर सिर्फ 2.06 लाख करोड़ का धान खरीदा था, जबकि मोदी सरकार अभी तक 4.95 लाख करोड़ का धान खरीद चुकी है,जो यूपीए सरकार से 240 प्रतिशत ज्यादा है। यूपीए सरकार ने एमएसपी पर 1.68 लाख करोड़ का गेहूं खरीदा था,जबकि मोदी सरकार 2.97 लाख करोड़ का गेहूं खरीद चुकी है। यूपीए सरकार ने दलहन की 645 करोड़ की खरीदी की थी,जबकि मोदी सरकार 49000 करोड़ की खरीदी कर चुकी है। यूपीए सरकार ने सिर्फ 246 करोड़ का तिलहन खरीदा था, जबकि मोदी सरकार 25000 करोड़ का तिलहन खरीद चुकी है।
देश की जनता कानूनों के समर्थन में-मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दल कितना ही किसानों को भड़काने का प्रयास कर लें, लेकिन देश की जनता इन कानूनों के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि ये कानून लागू होने के बाद कई राज्यों में चुनाव और उपचुनाव हुए, लेकिन जनता ने भाजपा को समर्थन देकर यह साबित कर दिया है कि उसे इन कानूनों से कोई शिकायत नहीं है।
मध्यप्रदेश में भाजपा को कांग्रेस से 10 प्रतिशत ज्यादा वोट मिले,बिहार,गुजरात और हाल ही में तेलंगाना के नतीजे भी यही बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों में मैदान में मोदी जी का विरोध करने की क्षमता नहीं है,इसलिए ये लोग किसानों को भड़काना चाहते हैं और देश में अव्यवस्था फैलाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री कहा कि किसानों के लिए केंद्र सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं, वे कभी भी अपनी समस्याओं, गलतफहमियों पर केंद्र सरकार से चर्चा कर सकते हैं, लेकिन वह भारत बंद की कड़ी निंदा करते है।