Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

केंद्र ने ‘भारत बंद’ के लिए जारी किया परामर्श, कई संगठनों ने किया ‍किसानों का समर्थन

हमें फॉलो करें केंद्र ने ‘भारत बंद’ के लिए जारी किया परामर्श, कई संगठनों ने किया ‍किसानों का समर्थन
, सोमवार, 7 दिसंबर 2020 (19:05 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि मंगलवार को किसान संगठनों और उनके समर्थन में विपक्षी दलों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के दौरान सुरक्षा कड़ी की जाए और साथ ही शांति सुनिश्चित की जाए। दूसरी ओर, किसानों के बंद का कई संगठनों ने समर्थन किया है। 
 
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी देशव्यापी परामर्श में कहा कि राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और सामाजिक दूरी बनाए रखी जाए।
 
मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को बताया गया है कि ‘भारत बंद’ के दौरान शांति और धैर्य बनाए रखा जाए और एहतियाती कदम उठाए जाएं ताकि देश में कहीं भी अप्रिय घटना नहीं हो।
 
‘भारत बंद’ का आह्वान किसान संगठनों ने किया है, जो संसद के मॉनसून सत्र में लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस, राकांपा, द्रमुक, सपा, टीआरएस और वामपंथी दलों जैसी बड़ी पार्टियों ने बंद का समर्थन किया है। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं।
 
प्रदर्शनकारी किसानों की सरकार के साथ शनिवार को पांचवें दौर की वार्ता के बाद भी यह बेनतीजा रही क्योंकि किसान संगठनों के नेता नए कानून को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और ‘हां या नहीं’ में स्पष्ट जवाब की मांग करते हुए ‘मौन व्रत’ धारण किए हुए हैं, जिसके बाद केंद्र ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।
 
दिल्ली में आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति हो सकती है प्रभावित : ‘भारत बंद’ में कैब चालकों एवं मंडी कारोबारियों के कई संघों ने शामिल होने का फैसला किया है, जिससे मंगलवार को शहर में यातायात सेवा और फलों एवं सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
 
कुछ टैक्सी और कैब संघों ने एक दिन की हड़ताल में भाग लेने का फैसला किया है। कारोबारियों का एक समूह भी किसानों की मांग का समर्थन कर रहा है, जिसके कारण बड़ी सब्जी एवं फल मंडियों में काम बाधित होने की आशंका है।
 
आजादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल खान ने कहा कि मुझे कई कारोबारी संघों ने मंगलवार की हड़ताल के लेकर फोन किया है। मुझे लगता है कि गाजीपुर, ओखला और नरेला की मंडियां किसानों द्वारा बुलाए ‘भारत बंद’ के कारण बंद रहेंगी। खान ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर लोगों से अपील की है कि वे देश को भोजन देने वाले किसानों का समर्थन करें।
 
इस बीच, दिल्ली के ‘सर्वोदय चालक संघ’ के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि मंगलवार को ओला, उबर और ऐप आधारित अन्य टैक्सी सेवाओं से जुड़े चालक सेवाएं नहीं देंगे। ‘दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष संजय सम्राट ने एक बयान में कहा कि ‘दिल्ली स्टेट टैक्सी कोऑपरेटिव सोसाइटी’ और ‘कौमी एकता वेलफेयर एसोसिएशन’ समेत कई संघ हड़ताल में शामिल होंगे। ‘कैपिटल ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष चंदू चौरसिया ने कहा कि सरकार को किसानों की मांग माननी चाहिए, लेकिन इसके लिए आम लोगों को असुविधा नहीं होना चाहिए।
 
शिवसेना ने किया बंद का समर्थन : शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि किसानों द्वारा मंगलवार को किया गया ‘भारत बंद’ का आह्वान गैर राजनीतिक है और देश के लोगों को कृषकों के प्रति समर्थन प्रकट करने के लिए स्वेच्छा से उसमें भाग लेना चाहिए। राउत ने बंद के प्रति शिवसेना का समर्थन भी दोहराया। सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के दो अन्य घटकों- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने भी इस बंद का समर्थन करने की घोषणा की है।
 
केंद्र को जगाने के लिए बंद का समर्थन करें : महाराष्ट्र के मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने सोमवार को कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में ठंड के बावजूद पिछले एक पखवाड़े से विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में हर व्यक्ति को मंगलवार को ‘भारत बंद’ में भाग लेना चाहिए। चव्हाण ने एक वीडियो संदेश में कहा कि केंद्र इन तीनों नए कानूनों को रद्द किए जाने की प्रदर्शनकारी किसानों की मांग को नहीं सुनना चाहता।
बीएसएनएल के कर्मचारियों ने किया समर्थन : बीएसएनएल कर्मचारी संघ ने सोमवार को कहा कि वह कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांग का पूरी तरह से समर्थन करता है। संसद के मानसून सत्र में पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
webdunia
संघ ने मंगलवार को दोपहर के भोजन के समय पूरे देश में अपने सदस्यों और जिला शाखाओं से प्रदर्शन का आह्वान किया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस, राकांपा, द्रमुक, सपा, टीआरएस और वामपंथी दलों समेत विपक्ष किसानों के आठ दिसंबर के भारत बंद के आह्वान का समर्थन कर रहा है।
 
व्यापारी, ट्रांसपोर्टर नहीं होंगे शामिल : व्यापारियों के संगठन कनफेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और ट्रांसपोर्टरों के संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसियेसन (एआईटीडब्ल्यूए) ने ‘भारत बंद’ से अलग रहने की घोषणा की है। कैट ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों के ‘भारत बंद’ के दौरान दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे। वहीं एआईटीडब्ल्यू ने भी घोषणा की है कि ‘भारत बंद’ के दौरान परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का परिचालन सामान्य बना रहेगा।
 
कैट के बयान में कहा गया है कि हमारी पूरी सहानुभूति किसानों के साथ है और हम सरकार से इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल निकालने का आग्रह करते हैं। व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों के साथ किसान राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग हैं। ऐसे में उनके मुद्दों के हल करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। कैट का दावा है कि वह 7 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करती है। वहीं एआईटीडब्ल्यूए के चेयरमैन सिंघल ने कहा कि वह देश के संगठित ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के 60 से 65 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करती है।
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

योगी आदित्यनाथ का विपक्ष पर प्रहार, कहा- किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अराजकता फैलाना चाहता है वह