Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

किसान आंदोलन से रोजाना 3500 करोड़ रुपए का नुकसान, एसोचैम और CII ने सरकार से मुद्दा सुलझाने की अपील की

हमें फॉलो करें किसान आंदोलन से रोजाना 3500 करोड़ रुपए का नुकसान, एसोचैम और CII ने सरकार से मुद्दा सुलझाने की अपील की
, मंगलवार, 15 दिसंबर 2020 (17:41 IST)
नई दिल्ली। कृषि कानून को खत्म करने के लेकर किसान 20 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार के प्रस्तावों के बाद भी किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इस बीच देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम (ASSOCHAM) ने कहा है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के चलते हर दिन 3500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
ALSO READ: मोदी-शाह के खिलाफ अमेरिका में दर्ज 10 करोड़ डॉलर का मुकदमा खारिज
एसोचैम ने केंद्र सरकार और किसान संगठनों से मुद्दों को शीघ्र हल करने का अनुरोध किया है। एसोचैम ने  कहा कि मौजूदा विरोध प्रदर्शनों से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश क्षेत्र की परस्पर अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा नुकसान हो रहा है।

एसोचैम ने कहा कि इन राज्यों की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और बागवानी पर आधारित है। फूड प्रोसेसिंग, कॉटन टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, फॉर्म मशीनरी, आईटी आदि विभिन्न उद्योग इन राज्यों की जीवनरेखा है। इसके अतिरिक्त टूरिज्म, ट्रेडिंग, ट्रांसपोर्ट और हॉस्पिटैलिटी जैसी विभिन्न जीवंत सेवाएं इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान करती हैं।
webdunia

एसोचैम ने कहा कि ये राज्य उद्यमी किसानों, उद्यमियों और नवाचारों के लिए जाने जाते हैं। एसोचैम के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की संयुक्त अर्थव्यवस्था का आकार करीब 18 लाख करोड़ रुपए है। किसानों के मौजूदा विरोध प्रदर्शन और रोड, टोल प्लाजा व रेलवे का चक्काजाम करने से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
ALSO READ: Live Updates : कृषि कानून को लेकर किसानों को भ्रमित करने की साजिश-नरेन्द्र मोदी
एसोचैम का कहना है कि किसान प्रदर्शन से आम लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह काफी चिंता का विषय है। देशभर में फलों और सब्जियों की बढ़ती कीमतों का कारण सप्लाई चेन में रुकावट भी है, क्योंकि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश का क्षेत्र इन वस्तुओं के बड़े उत्पादक हैं। 
 
ट्रांसपोर्टर्स का नुकसान : भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कहा कि किसानों द्वारा हाईवे रोकने से ट्रांसपोर्टर्स को भी नुकसान हो रहा है। आवश्यकत वस्तुएं इधर से उधर नहीं जा पा रही हैं।

जिन हाईवे को किसानों ने जाम किया है, उस कारण से ट्रांसपोटर्स को दूसरे रास्तों से माल को पहुंचाया जा रहा है।इसमें काफी समय और खर्च लग रहा है।

CII के मुताबिक बताया कि माल ढुलाई खर्च में 8-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है। सीआईआई ने भी किसान और सरकार से नए कृषि कानूनों पर मतभेदों को जल्द सुलझाने की अपील की।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कोरोनावायरस को मार सकते हैं पराबैंगनी किरणों का उत्सर्जन करने वाले एलईडी बल्ब