नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि इस क्षेत्र में व्यवसायों के लिए बहुत सारे अवसर हैं, क्योंकि मंत्रालय रेल मार्गों और पार्सल गाड़ियों को किराए पर देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि रेलवे में माल ढुलाई का काम पिछले साल के 95 प्रतितशत तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि रेलवे अब निजी क्षेत्र में 150 यात्री ट्रेन शुरू करने जा रहा है और इस योजना के लिए इच्छुक इकाइयों को आमंत्रित किया है।
गोयल ने उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, निजी क्षेत्र लाखों तरीके से सहयोग कर सकता है। मैं नए मार्गों को पट्टे पर देने जा रहा हूं, इस अर्थ में कि मैं यह कहने जा रहा हूं कि ठीक है आप (निजी कंपनियां) उन मार्गों की पहचान करें, जिन पर आप ट्रेन सेवा शुरू करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, यदि आप चाहते हैं तो हम आपके साथ नई लाइनों में निवेश करने के लिए भी तैयार हैं। हम ट्रैफिक मार्गों को पट्टे पर देने के लिए तैयार हैं, हम पार्सल ट्रेनों को पट्टे पर देने के इच्छुक हैं। इसलिए, निजी क्षेत्र के लिए बहुत सारे अवसर हैं।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ एक एलिवेटेड गलियारे पर विचार कर सकता है, क्योंकि इसमें भूमि खरीदने की चुनौती नहीं होगी। मंत्री ने यह भी कहा कि रविवार को रेलवे पिछले साल 21 जून की तुलना में लगभग 95 प्रतिशत माल की ढुलाई करने में समर्थ हुआ है।
उन्होंने कहा, तो हम 21 जून 2019 की तुलना में महज पांच प्रतिशत नीचे थे। यदि हम पूरे जून महीने को देखते हैं, तो हम माल ढुलाई के मामले में एक जून से 21 जून के दौरान लगभग आठ प्रतिशत नीचे हैं। मेरा मानना है कि जुलाई तक हम इसे बराबर कर लेंगे और हम अगस्त से सितंबर तक वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।मालगाड़ी की औसत गति के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले साल 21 जून को यह 22.98 किमी प्रति घंटा थी और रविवार को 41.74 किमी प्रति घंटा थी।
गोयल ने कहा, हम लंबे समय से प्रतीक्षित रखरखाव कार्यों को पूरा करने के लिए इस समय का उपयोग बुद्धिमता से कर रहे हैं। इसके साथ ही वैसी कई लाइनों को इंटरकनेक्ट करने के लिए भी इस समय का उपयोग किया गया है, जिन्हें लंबे समय तक शटडाउन की आवश्यकता थी।
उन्होंने कहा, हम इस समय का उपयोग रेलवे की समय सारिणी को और अधिक बेहतर बनाने के लिए कर रहे हैं। हम माल और पार्सल ट्रेनों को टाइम टेबल में ला रहे हैं ताकि हम व्यवसायों को कम समय में लंबी दूरी की डिलिवरी के प्रति आश्वस्त कर सकें।
उन्होंने उम्मीद जताई कि मंत्रालय आगे चलकर माल ढुलाई को सस्ता बना सकता है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि रविवार तक भारतीय रेलवे ने 4,553 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया और इनकी संख्या लगातार कम हो रही है।
मंत्री ने कहा, 31 मई से 21 जून तक, यह 10 प्रतिशत से अधिक कम हुआ है। कल (रविवार) को सिर्फ तीन ऐसी ट्रेनों का परिचालन हुआ। इनकी मांग खत्म हो गई है। हमने उन सभी को वापस पहुंचा दिया है, जो घर वापस जाना चाहते थे।
अब तक इन ट्रेनों से लगभग 75 लाख प्रवासी श्रमिकों ने यात्राएं की हैं।उन्होंने कहा कि रेलवे ने नियमित मार्गों पर 230 ट्रेनें शुरू की हैं। वे पूरी तरह से भरकर नहीं जा रही हैं, क्योंकि लोग अभी भी यात्रा करने में संकोच कर रहे हैं।(भाषा)