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टीकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में जुटे कलाकार

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नई दिल्ली। अभिनेत्री स्वरा भास्कर और कई कलाकारों ने केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए शनिवार को टीकरी बॉर्डर पर एक कंसर्ट में हिस्सा लिया। साथ ही हरभजन मान, जैसी बैंस, रब्बी शेरगिल और कई अन्य पंजाबी गायक भी ‘आर्टिस्ट्स फॉर फारमर्स’ कंसर्ट में शामिल हुए। उनके अलावा, कंवर ग्रेवाल, हर्फ चीमा, नूर चहल ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
 
कंसर्ट का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच पर किया गया। प्रदर्शन स्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए स्वरा भास्कर ने कहा कि मैं यहां कलाकार के तौर पर आई हूं और देश के नागरिक के तौर पर उन लोगों का प्रतिनिधित्व करती हूं, जो शहरों में पले-बढ़े लेकिन कभी गांव नहीं गए।
 
भास्कर ने कहा कि सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई देश के हर नागरिक की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि मैं पूरे देश की तरफ से आप सभी का धन्यवाद करती हूं कि हमारी लड़ाई को आप इस प्रदर्शन के माध्यम से लड़ रहे हैं। मुझे आज शर्म आ रही है कि हमारा समाज और देश ऐसा हो गया है, जहां बुजुर्गों की देखभाल करने के बजाय हमने उन्हें इतनी ठंड में सड़कों पर बैठने के लिए मजबूर कर दिया है।
 
उन्होंने कहा कि हम इतने बेशर्म और अहंकारी हो गए हैं कि इन लोगों के दर्द का हमें अहसास नहीं होता। अगर देश हमारी मां है, तो किसान पिता हैं क्योंकि वे हमें भोजन मुहैया कराते हैं। प्रदर्शन के उद्देश्यों पर सवाल उठाने वाले लोगों पर प्रहार करते हुए भास्कर ने कहा कि ऐसे लोग प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ‘गलत आरोप’ लगा रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि वे हर दिन आपको गाली दे रहे हैं और लोगों को आपके खिलाफ भड़का रहे हैं। मैं आप सबसे इन लोगों की तरफ से माफी मांगती हूं। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में कड़ाके की ठंड के बावजूद हजारों किसान 26 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं।
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हरभजन मान ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग का समर्थन किया। नूर चहल ने कहा कि मैं एक किसान की बेटी हूं। हमारा इतिहास हमें बताता है कि हमने पहले कई लड़ाई जीती हैं। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हम यह लड़ाई भी जीतेंगे। उल्लेखनीय है कि किसानों के आंदोलन का ज्यादातर पंजाबी गायकों ने समर्थन किया है।
 
कंवर ग्रेवाल और चीमा इस आंदोलन की शुरूआत से ही प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं। किसान आंदोलन पर सोशल मीडिया और इंटरनेट पर छाये कुछ गानों में उनकी आवाज भी है। उनके गीत ‘पीचा’ को यूट्ब पर 80 लाख से अधिक लोगों ने देखा है।
 
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली से लगी सीमाओं पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान महीने भर से अधिक समय से डेरा डालकर डटे हुए हैं। इन किसानों में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं।
 

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