क्‍यों सुलग उठा संदेशखाली, समझिए पश्‍चिम बंगाल के इस कांड की पूरी कहानी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024 (17:55 IST)
Sandeshkhali kand : टीएमसी नेताओं पर हिंदू महिलाओं के साथ यौन उत्‍पीड़न, जमीन हड़पने के साथ पुरुषों के साथ मारपीट के लगातार मामलों के बीच पश्‍चिम बंगाल का उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली सुर्खियों में है। इस पूरे कांड के बीच पड़ित महिलाओं का सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा हो गया है।

राज्यपाल ने मीडिया से कहा : अत्‍याचार और खराब हालातों के बीच राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ित महिलाओं से चर्चा की। महिलाओं ने राज्‍यपाल को बताया कि वे अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहती हैं। वह और प्रताड़ना नहीं झेल सकतीं हैं। राज्यपाल ने मीडिया से कहा कि पश्‍चिम बंगाल के संदेशखाली में मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था

ऐसे सामने आया कांड : दरअसल, यह मामला तब उजागर हुआ जब टीएमसी नेता शाहजहां शेख के ठिकाने पर रेड डालने पहुंचे ईडी के अधिकारियों पर हमले किए गए। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी के सिर में चोट आई। ईडी ने शाहजहां शेख के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। इसके बाद से शाहजहां शेख फरार है।

क्‍या है संदेशखाली की रौंगटे खड़े करने वाली कहानी : अब संदेशखाली एक बार फिर से इसलिए सुर्खियों में है क्‍योंकि स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर संगीन आरोप लगाए हैं। जमीन हड़पने और उनका यौन उत्पीड़न के साथ ही संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं ने उनके साथ दरिंदगी की रौंगटे खड़े करने वाली कहानियां बयां की हैं। महिलाओं ने आरोप लगाए हैं कि टीएमसी नेता और समर्थक खूबसूरत महिलाओं को उठाकर ले जाते हैं और उनके कार्यालयों में गैंग रेप करते हैं। रात में पुलिस घर में आकर छेडखानी करती हैं। दरवाजे पीटती है और घरों में टॉर्च की रोशनी डालती है। बता दें कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने संदेशखाली में दौरे के बाद पश्‍चिम बंगाल में राष्‍ट्रपति शासन की मांग की है।

जानते हैं क्‍या है संदेशखाली की कहानी और अब तक इस पूरे कांड में क्‍या हुआ।

भाजपा ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में पूर्ण अराजकता व्याप्त है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संदेशखाली में आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार और उनका शोषण करने वाले अपनी पार्टी के गुंडों को संरक्षण दे रही हैं।

आयोग ने सौंपी राष्‍ट्रपति को रिपोर्ट : बता दें कि टीएमसी समर्थकों द्वारा महिलाओं का उत्पीड़न किए जाने के मामले की पड़ताल के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का दौरा किया था। आयोग (NCSC) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

उठी राष्‍ट्रपति शासन की मांग : आयोग के अध्‍यक्ष अरुण हलदर ने कहा कि 7 सदस्यों की टीम गुरुवार को संदेशखाली गई थी। लेकिन पुलिस ने मिलने पीड़ितों से मिलने ही नहीं दिया। जैसे तैसे कमिशन के सदस्यों ने परिवार वालों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों को बचा रही है। हमने वहां जो हालत देखे, उसके आधार पर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का जिक्र रिपोर्ट में किया है।

महिलाओं ने सुनाई दरिंदगी की खौफनाक दास्‍तां : केन्द्रीय मंत्री स्मृति ने ईरानी ने एक महिला और एक पत्रकार की बातचीत का हवाला देते हुए बताया कि टीएमसी के नेता घरों में आते हैं और यह देखते हैं कि कौनसी महिला खूबसूरत और जवान है। वे हिन्दू महिलाओं को उठाकर ले जाते हैं और उनके साथ कई रातों तक टीएमसी कार्यालय में सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है। पीड़ित महिलाएं मदद के लिए गुहार लगा रही हैं, पीड़ा से चीख रही हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

हमसे मेडिकल रिपोर्ट मांग रहे : महिलाओं ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि बलात्कार साबित करने के लिए हमसे मेडिकल रिपोर्ट मांगी जा रही है। गांव की महिलाएं कैसे कह सकती हैं कि उनके साथ बलातकार हुआ है। महिलाओं ने कहा कि हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। क्षेत्र की सांसद नुसरत जहां को भी चुनाव के बाद कभी नहीं देखा।

स्‍मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के पतियों को धमकियां दी जाती हैं। उनसे कहा जाता है कि तुम नाम के पति हो, इन महिलाओं पर तुम्हारा कोई अधिकार नहीं है। महिलाओं ने शाहजहां शेख नामक टीएमसी नेता पर भी आरोप लगाए हैं। यह संदेशखाली का टीएमसी ब्लॉक अध्यक्ष भी है।

पुलिसवाले रात में घर आते हैं : सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक महिला ने आरोप लगाया ‍कि पुलिसवाले रात में हमारे घर आए। उन्होंने मेरे पति को गालियां दीं और मेरे साथ छेड़छाड़ की कोशिश की। पुलिस वाले नशे में थे, वे ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।

पुलिस पर नहीं भरोसा : एक महिला ने एएनआई से बातचीत में कहा कि जो लोग लड़कियों और महिलाओं को उठाकर ले जाते हैं, वे हमारा सम्मान कैसे वापस ‍दिलाएंगे। ये लोग रात को आते हैं, दरवाजा पीटते हैं, टॉर्च जलाते हैं, लेकिन हम दरवाजा नहीं खोलते हैं। हमें डर की वजह से पूरी रात सो नहीं पाते। हमें स्थानीय पुलिस और प्रशासन पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है। महिला ने आरोपियों के नाम बताते हुए कहा कि राज्य पुलिस शाहजहां, शिबू, उत्तम, रंजू, संजू और अन्य को कभी हिरासत में नहीं लेगी।

सडकों पर उतरीं महिलाएं : इन आरोपों में शाहजहां शेख के साथ ही उत्तर सरदार और शिबू हाजरा के नाम आए हैं। महिलाएं टीएमसी के इन नेताओं के खिलाफ खुलकर प्रदर्शन कर रही है। कई गांवों से महिलाएं निकलकर सड़कों पर आ गईं हैं। उनके हाथों में लाठियां और न्‍याय के लिए मुंह पर नारे हैं। कई महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के घरों में आग लगा दी। संदेशखाली में बवाल मच हुआ है। शिबू हाजरा के पोल्ट्री फार्म में भी आग लगाई गई। मीडिया पर भी हमले हुए।

लगा दी धारा 144, इंटरनेट बंद : 9 फरवरी की रात यानि विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन रात से संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई। संदेशखाली ब्लॉक-2 के 8 ग्राम पंचायत इलाकों में दुकान-बाजार बंद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी ठप कर दी गई। संदेशखाली थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। इलाकों में पुलिस लगातार गश्ती लगा रही है। संदेशखाली जाने वाले सभी रास्तों (जल व सड़क) पर पुलिस कड़ी नजर रही।

कोर्ट ने लिया संज्ञान, रद्द की धारा 144 : कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में जारी धारा 144 पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे रद्द कर दिया। सरकार कोर्ट में यह नहीं बता पाई कि आखिर पूरे संदेशखाली में धारा 144 क्यों लागू की गई। कोर्ट की फटकार के बाद रणनीतिक रूप से धारा 144 तो हटा ली गई, लेकिन 19 जगह पर धारा 144 लागू कर दी। ये 19 स्थान वे हैं, जहां से संदेशखाली में प्रवेश किया जाता है। यानी प्रशासन ने संदेशखाली जाने वाली प्रवेश द्वारों पर धारा 144 लागू कर दी।

टीएमसी ने उत्तर सरदार को पार्टी से किया सस्पेंड : विरोध प्रदर्शन के बीच तृणमूल कांग्रेस ने आरोपी उत्तम सरदार को उत्तर 24 परगना जिला परिषद सदस्य और तृणमूल के अंचल अध्यक्ष के पद से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया। इसके कुछ कुछ ही घंटों बाद देर शाम पुलिस ने संदेशखाली से उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया।

क्या है भाजपा का स्‍टैंड : भाजपा ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली क्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के दावों पर विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के मद्देनजर भाजपा ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में पश्चिम बंगाल में पूर्ण अराजकता व्याप्त है और मुख्यमंत्री बनर्जी संदेशखाली में आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार और उनका शोषण करने वाले अपनी पार्टी के गुंडों को संरक्षण दे रही हैं।

क्या कहती हैं ममता सरकार की मंत्री : बंगाल सरकार की मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि पुलिस की 10 लोगों की टीम तैयार की गई है। इसमें सभी महिलाएं हैं। टीम गांव के हर घर में जाकर महिलाओं से बात कर रही है। कई अपराधियों को पकड़ा भी गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कोशिश कर रही है कि परिस्थिति को समान्य न होने दिया जाए और लोगों को उकसाया जाए।
Edited by Navin Rangiyal

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