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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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किसी को हथोड़े से मारा, किसी को गोली, एक महीने में 7 मर्डर, अमेरिका में क्‍यों हो रही भारतीयों की हत्‍या?

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नवीन रांगियाल

  • अमेरिका में एक महीने में 7 भारतीयों की हत्‍या से हड़कंप
  • किसी को हथोड़े से मारा, किसी को गोली, मिल रहे संदिग्‍ध शव
  • राष्‍ट्रपति जो बाइडेन भी हत्‍या की घटनाओं से भयभीत
  • अमेरिका में रह रहे 3 लाख से ज्‍यादा भारतीय जी रहे डर और तनाव में
Indian student killed in America: अमेरिका में रह रहे भारतीयों पर हमले के मामले लगातार बढ़ा रहे हैं। हालात यह है कि महीने भर के अंदर 4 भारतीय छात्रों और 3 भारतीय मूल के लोगों की हत्या हो चुकी है। यानी पिछले एक महीने में 7 लोगों की हत्‍या हो चुकी है। एक अन्य भारतीय छात्र पर भी हमला हुआ है। जो जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।

भारतीयों की हत्‍याओं का ग्राफ इस कदर तेजी से बढ़ा है कि भारत के साथ ही अब अमेरिकी सरकार भी टेंशन में आ गई है। व्हाइट हाउस की तरफ से बयान जारी किया गया है, बयान में कहा गया है कि अमेरिका में नस्ल, लिंग या किसी भी आधार पर हिंसा अस्वीकार्य है।

क्‍या कहा अमेरिकी सरकार ने : अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भारतीयों की हत्‍या के सिलसिले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इन हमलों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। किर्बी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शासन में हिंसा की कोई जगह नहीं है। नस्ल या लिंग या धर्म या किसी अन्य कारक पर आधारित किसी तरह की हिंसा के लिए कोई बहाना नहीं चल सकता है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में बिल्कुल अस्वीकार्य है।

अमेरिका में भारतीयों की हत्या का सिलसिला
  • भारतीय मूल का एक परिवार सोमवार को कैलिफोर्निया में अपने घर पर मृत पाए गए। इसमें उनके चार वर्षीय जुड़वां बच्चे भी शामिल थे।
  • इसी महीने 10 फरवरी को वॉशिंगटन में एक रेस्तरां के बाहर हमले के दौरान 41 वर्षीय भारतीय मूल के आईटी कर्मकारी की मौत हो गई।
  • शिकागो में एक भारतीय छात्र सैयद मजाहिर अली पर लुटेरों ने हमला किया, जिसमें उसकी मौत हो गई।
  • जॉर्जिया के लिथोनिया में एक 25 वर्षीय भारतीय छात्र पर नशेड़ियों ने हमला कर दिया। इस हमले में उसकी मौत हो गई।
  • अमेरिका के ओहायो में 19 वर्षीय भारतीय युवक श्रेयस रेड्डी बेनिगर मृत पाए गए थे।
  • पर्ड्यू विश्वविद्यालय में 23 वर्षीय भारतवंशी छात्र समीर कामथ 5 फरवरी को इंडियाना में मृत पाए गए थे।इंडियाना के पर्ड्यू विश्वविद्यालय में भारतवंशी नील आचार्य 28 जनवरी को लापता हुए थे, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।
  1. नील आचार्य
  2. विवेक सैनी
  3. अकुल धवन
  4. श्रेयस रेड्डी
  5. समीर कामथ
  6. सैयद मजाहिर अली
  7. आनंद सुजीत हेनरी
  8. एलिस प्रियंका
  9. नीथन
  10. नूह
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15 फरवरी को अमेरिका के कैलिफोर्निया में भारतीय मूल के एक दंपत्ति की संदिग्ध हालत में उनके ही आलीशान बंगले में संदिग्ध अवस्था में लाशें मिली हैं। इस दंपत्ति के साथ उनके चार वर्षीय जुड़वां बच्चे भी मृत पाए गए। इन सभी के शरीर पर गोली लगने के निशान हैं। लाश खून से लथपथ थी। यह परिवार केरल का मूल निवासी है। मृतकों की पहचान 42 वर्षीय आनंद सुजीत हेनरी, उनकी 40 वर्षीय पत्नी एलिस प्रियंका और उनके 4 वर्षीय जुड़वां बच्चे नूह और नीथन के रूप में की गई है। जब एक पारिवारिक मित्र ने पुलिस में शिकायत की और सहायता मांगी तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घर से ये लाशें बरामद कीं। पारिवारिक मित्र ने पुलिस में शिकायत की थी कि आनंद के घर पर कोई भी कॉल नहीं उठा रहा है, इसलिए मदद की जाए।

एक महीने में 7 हत्‍याएं : अमेरिका में एक महीने के अंदर 4 भारतीय छात्रों और 3 भारतीय मूल के लोगों की हत्या हो चुकी है। एक अन्य भारतीय छात्र हमले के बाद घायल है। जनवरी में जॉर्जिया के लिथोनिया में एक डिपार्टमेंटल स्टोर में पार्ट टाइम काम करने वाले भारतीय छात्र विवेक सैनी की एक नशेड़ी ने हत्या कर दी थी। उसके बाद फरवरी में इंडियाना वेस्लेयन यूनिवर्सिटी में एक भारतीय छात्र सैयद मजाहिर अली पर हमला किया गया था। पिछले दिनों पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले भारतीय मूल के छात्र नील आचार्य के मृत पाए गए थे। इसके ठीक बाद श्रेयस रेड्डी नाम के छात्र की भी हत्या की जा चुकी है। हाल ही में इंडियाना के पर्ड्यू विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की पढ़ाई करने वाले 23 साल के समीर कामत का शव एक पार्क में मिला था।

टेंशन में 3 लाख भारतीय : इन घटनाओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले 300,000 से ज्‍यादा भारतीय मूल के छात्र इन घटनाओं से चिंता में हैं। इन घटनाओं के कारण भारतीय समुदाय के छात्रों के सामने कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। उन्हें मानसिक तनाव, अकेलापन जैसी चीज़ों में धकेल रहा है। विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए जागरूकता और सहायता प्रणालियों में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया है।

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