पुलिसवाले का बेटा दाऊद इब्राहिम ऐसे बना डोंगरी के गुंडे से अंडरवर्ल्‍ड डॉन

जब हेड कॉन्‍स्‍टेबल पिता ने गिरफ्तार कर बेल्ट से की थी अंडरवर्ल्‍ड दाऊद की पिटाई

Webdunia
बुधवार, 20 दिसंबर 2023 (13:13 IST)
दुनिया में ज्‍यादातर बेटे अपने पिता के नक्‍शे-कदम पर ही चलते हैं, लेकिन कुछ अपवाद हर जगह होते हैं। ऐसा ही एक अपवाद है दाऊद इब्राहिम। जो अपने पिता के ठीक उलट अपराध की दुनिया में एंट्री लेकर अंडरवर्ल्‍ड का सबसे बड़ा गैंगस्‍टर बन बैठा। जिसे कभी डॉन, कभी माफिया और कभी आतंकवादी के नाम से पुकारा जाता है। वो भारत का सबसे बड़ा गुनहगार है, क्‍योंकि 1993 में मुंबई में उसने सिरियल बम ब्‍लास्‍ट करवाकर 257 मासूमों की जान ली थी।

दरअसल, दाऊद के दिमाग में अपराध के बीच बचपन के दिनों में ही पड़ गए थे। जिस वक्‍त दाऊद के पिता इब्राहिम कासकर मुंबई पुलिस में हेड कॉन्‍स्‍टेबल के पद पर ईमानदारी के साथ सेवाएं दे रहे थे, उस वक्‍त उनका बेटा दाऊद मुंबई के तब के डॉन हाजी मस्‍तान की पैसे से भरी वैन लूटने की साजिश कर रहा था। दिलचस्‍प तो यह है कि पैसे से भरी वैन लूटने का यह केस दाऊद के पिता इब्राहिम कासकर को ही हैंडओवर किया गया। जब पिता को पता चला कि इस लूट के पीछे उनका अपना बेटा दाऊद है तो उन्‍होंने न सिर्फ उसे गिरफ्तार किया, बल्‍कि बेल्‍ट से उसकी पिटाई भी कर डाली। लेकिन दाऊद के हाथों में शायद अपराध कथाओं की सबसे बड़ी लकीरे दर्ज थीं, इसके चलते वो बन गया दाऊद इब्राहिम...

क्‍या है दाऊद की अपराध कथा...?
दाऊद के पिता इब्राहिम कासकर मुंबई पुलिस में हेड कॉन्‍स्‍टेबल थे। 7 भाई, 4 बहनें, मुंबई की डोंगरी में रहकर साधारण-सी जिंदगी जीने वाले परिवार का लड़का पहले गलियों में छोटे-मोटे झगड़े और गुंडागर्दी किया करता था। यहां तक फिर भी ठीक था, लेकिन बाद में दोस्तों के झगड़े निपटाते, उनकी मदद करते-करते दाऊद कब गली का छटा हुआ बदमाश बन गया पता ही नहीं चला। मुंबई के डोंगरी से शुरू हुआ दाऊद के अपराध का ये ग्राफ अंडरवर्ल्ड डॉन और आतंकी तक पहुंच गया।

हाल ही में दाऊद इब्राहिम जहर देकर मार देने की अफवाह के बाद एक बार फिर से चर्चा में आया। हालांकि वो जिंदा है कहा जा रहा है कि वो पाकिस्‍तान के कराची में आगा खां अस्‍पताल में भर्ती है और उसे जहर दिया गया है।

नाम और परिवार : 26 दिसंबर 1955 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के गांव खेड़ में कोंकणी मुस्लिम परिवार में जन्मे दाऊद का पूरा नाम शेख दाउद इब्राहिम कासकर है। पिता शेख इब्राहिम अली कासकर मुंबई पुलिस में हवलदार थे। परिवार मुंबई के डोंगरी में रहता था। दाऊद के 7 भाई और 4 बहनें थीं। हुमांयू कासकर सबसे छोटा भाई था, जिसकी मौत कैंसर से हो चुकी है। 1981 में दाऊद के बड़े भाई की मुंबई में पठान गैंग ने हत्या की थी। पाकिस्तान में सरदार रहमान गैंग ने उसके दूसरे भाई नूरा कासकर को अगवा करके 200 करोड़ मांगे, लेकिन दाऊद दे नहीं पाया तो उसे मार दिया गया। दाऊद के 3 भाई अनीस इब्राहिम, इकबाल कासकर, मुस्तकीम अली कासकर पाकिस्तान में रहते हैं। दाऊद की 4 बहनें हसीना पारकर, सईदा पारकर, फरजाना तुंगेकर और मुमताज शेख थीं। हसीना पारकर और फरजाना तुंगेकर की मौत हो चुकी है। महजबीन से शादी की और 4 बच्चे हुए, जिनमें महरुक, मेहरुन और मोइन शामिल हैं। तीनों बच्चे शादीशुदा हैं, लेकिन एक बेटी की मौत हो चुकी है। पाकिस्तानी नागरिक बनने के लिए दाऊद ने पठानी परिवार की लड़की से दूसरी शादी भी की।

जुर्म की दुनिया में एंट्री : डोंगरी के अहमद सैलर हाई स्कूल में पढ़ने वाले दाऊद ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी। डोंगरी इलाके में ही हाजी मस्तान से मुलाकात हुई और अपने शौक पूरे करने के लिए वह चोरी, लूट, डकैती, स्मगलिंग करने लगा। इस बीच उसने करीम लाला गिरोह के लिए भी काम किया। इसके चलते दाऊद और हाजी मस्तान के बीच झगड़ा हुआ। मस्तान ने दाऊद के 2 लोगों पर हमला किया। इसके बाद दाऊद ने अपने भाई शब्बीर इब्राहिम कासकर के साथ मिलकर डी-कंपनी शुरू की। 1977 में दाऊद इब्राहिम ने हाजी अली में स्मगलरों की नाव लूटी थी, इसके बाद उसने पलट कर नहीं देखा। वह अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया, मुंबई से दुबई तक पहुंच गया। वहां से ISI कनेक्शन और फिर पाकिस्तान पहुंच गया।

1993 के मुंबई बम ब्लास्ट: बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भड़के दंगों ने डॉन दाऊद को आतंकवादी बना दिया। 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट का वह मास्टरमाइंड है। इसके बाद वह भारत का मोस्टवांटेड बन गया। 12 मार्च 1993 को मुंबई में 13 जगह ब्लास्ट हुए, जिसमें 257 लोग मारे गए थे। आज कई देशों की पुलिस उसे तलाश रही है। 2003 में दाऊद इब्राहिम को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया था।

जब पिता ने  बेल्ट से की पिटाई : दाऊद की 1987 में हाजी मस्तान के साथ लड़ाई हुई। उसने बदला लेने के लिए हाजी की कैश वैन लूटने की योजना बनाई। नुसरत खान, एजाज सिद्दिकी, अजीज चालक, शेर खान के साथ मिलकर साजिश रची और मस्जिद बंदर रोड से बोरा बाजार के बीच वैन का इंतजार करने लगे। वैन रोकने पर जैसे ही ड्राइवर ने दरवाजा खोला तो उस पर चापड़ से हमला कर दिया। वैन में जितना पैसा था, लेकर फरार हो गए। जांच में पता चला कि वैन हाजी मस्तान की नहीं, बल्कि मुंबई के मेट्रोपॉलिटन बैंक की कैश वैन थी। पुलिस ने केस दाऊद के पिता को हैंडओवर किया। जांच पड़ताल में पिता को पता चला कि कैश वैन लूटने का प्लान बेटे दाऊद ने बनाया था तो उन्होंने उसे उसके 2 साथियों के साथ गिरफ्तार किया। हालांकि केस में दाऊद को जमानत मिल गई, लेकिन यह मामला मुंबई के पुधोनी पुलिस स्टेशन में आज भी दर्ज है। यहीं नहीं जमानत लेने के बाद घर आए दाऊद को पिता ने कमरे में बंद करके बेल्ट से खूब पीटा था।

पाकिस्‍तान में कैसे मिली पनाह?
ISI और दाऊद के बीच डील: मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक 1993 के हमले के बाद दाऊद ने पाकिस्तान शिफ्ट होने के लिए वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ समझौता किया था। इसके पीछे का मकसद यह था कि दाऊद को अन्य गैंगस्टर्स और भारतीय एजेंसियों से बचाया जाएगा और बदले में आईएसआई उसके संसाधनों का इस्तेमाल कर सकेगी।

आतंकियों को फंडिंग : इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक दाऊद पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को भी फाइनेंस करता है। इसमें यह भी बताया गया है कि दाऊद की कमाई के 30 प्रतिशत हिस्से के बदले उसे सुरक्षा देने का वादा किया था। ये जानकारी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा ने साल 2013 में दी थी।

कैसे पाकिस्‍तान में मजबूत हो गया दाऊद?
दाऊद इब्राहिम को इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की रणनीति 9/11 हमले तक जारी रही। लेकिन इसके बाद उसे छिपकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन इस दौरान उसने अपने परिवार के सदस्यों की शादी पाकिस्तान की शीर्ष शख्सियतों के घर में कराई और अपनी स्थिति को फिर से बेहद मजबूत कर लिया।

मियांदाद बना समधी : उसने अपनी बेटी की शादी पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी रहे जावेद मियांदाद के बेटे के साथ कराई। इसके अलावा अपने भतीजे की शादी एक वरिष्ठ आईएसआई एजेंट के साथ कराई। साथ ही वह अपनी दो नंबर की कमाई को कराची, दुबई और लंदन में रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में लगाता रहा।

India-US का घोषित वैश्विक आतंकी : अक्टूबर में आई फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार दाऊद को आईएसआई का ऑनरेरी एडिशनल डायरेक्टर जनरल बनाया गया था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया था कि ऐसा पिछले कुछ दशकों में दाऊद इब्राहिम की ओर से आईएसआई को उपलब्ध कराई गई मदद को देखते हुए किया गया था। कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के वरिष्ठ जनरलों का बेहद करीबी है और हर समय पाकिस्तानी सेना की स्पेशल फोर्स की सुरक्षा में रहता है। दाऊद भारत की ‘मोस्ट वांटेड’ अपराधियों की सूची में है। साल 2003 में भारत और अमेरिका की सरकार ने उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।
Written & Edited By Navin Rangiyal

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