हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। दरअसल सन् 1970 में इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी और इसका श्रेय अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन को जाता है, जो पर्यावरण को बचाने के लिए राह खोजने में लगे थे।
विश्व पृथ्वी दिवस 2023 की थीम :
वर्ष 2023 में विश्व पृथ्वी दिवस की (Earth Day 2023 Theme) थीम 'हमारे ग्रह में निवेश करें' (Invest in our planet) रखी गई है। जिसका उद्देश्य वर्तमान समय में मानव समुदाय, सरकार तथा व्यवसायों को प्राथमिकता देने और भावी पीढ़ियों को ग्रह की रक्षा तथा उसके संरक्षण को लेकर कार्रवाई करके उचित कदम बढ़ाने का आह्वान करती है।
Earth Day 2023 की जानें 5 खास बातें
1. माना जा रहा है कि विश्व पृथ्वी दिवस पर पिछले साल के अभियान की सफलता के आधार पर, यह थीम हमारे ग्रह की भलाई और स्थिरता में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देती है।
2. यह दुनियाभर में पृथ्वी और पर्यावरण को लेकर सकारात्मक बदलाव लाने तथा आज की चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है, ताकि हम धरती का संरक्षण कर सकें।
3. प्रत्येक वर्ष, 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है और वर्तमान समय में बढ़ती हूई मानवजनित प्रदूषण और हानिकारक गतिविधियों को देखते हुए वर्ष 2023 की यह थीम लोगों में ग्रह के पर्यावरण की रक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने और उसके संबंध में कार्रवाई के लिए समर्पित है।
4. वर्तमान समय में बढ़ते संसाधनों, कारखाने, वाहन, वायु प्रदूषण, बढ़ते मकान तथा कट रहे वृक्षों तथा प्रकृति के साथ बेरहम मनमानी के कारण पृथ्वी को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। जिसके चलते आगामी समय में हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अत: पृथ्वी के बचाव के लिए शीघ्र ही हमें उचित कार्य करके इसके बचाने का भरकस प्रयत्न करना होगा।
5. अमेरिकी राजनीतिज्ञ और पर्यावरण कार्यकर्ता रहे सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने पृथ्वी दिवस के विचार की परिकल्पना करके आगामी समय में बढ़ते पर्यावरणीय मुद्दों को संबोधित करने तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता और कार्रवाई के इस दिन की कल्पना की थी और तब से यह दुनियाभर के कई देशों में होने वाली घटनाओं और गतिविधियों के साथ एक वैश्विक आंदोलन बन गया है।
अत: पूरी दुनिया के लोगों को एकजुट होकर तथा पर्यावरण, प्रकृति, धरती-जल के प्रति जागरूक होकर इन सभी को बचाने के लिए प्रयास तथा इसके हित में आवश्यक कार्य करना होगा तथा पर्यावरण के बारे में सतर्क रहना होगा।