योगिनी एकादशी पर जानें पूजन की विधि, व्रत के नियम और पारण समय

WD Feature Desk
मंगलवार, 2 जुलाई 2024 (10:54 IST)
Highlights 
 
* योगिनी एकादशी की पूजा विधि जानें। 
* योगिनी एकादशी व्रत के नियम क्या हैं।  
* आषाढ़ कृष्ण ग्यारस के दिन मनाई जाती है यह एकादशी। 

ALSO READ: योगिनी एकादशी का व्रत क्यों रखा जाता है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
 
Yogini Ekadashi : इस वर्ष के व्रत-त्योहारों सबसे खास मानी जाने वाली आषाढ़ मास की योगिनी एकादशी आज यानि 02 जुलाई को मनाई जा रही है। मान्यतानुसार  आषाढ़ कृष्ण एकादशी के एक दिन पूर्व यानी दशमी तिथि को रात्रि में एकादशी व्रत करने का संकल्प करना चाहिए। तीनों लोक में इस एकादशी के बहुत ही प्रसिद्ध होने के कारण इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है। 
 
आइए यहां जानें एकादशी व्रत की पूजा विधि, नियम और पारण का समय क्या हैं... 

पूजा विधि- Worship method
 
- योगिनी एकादशी से जुड़ी एक मान्यता के अनुसार इस दिन स्नान के लिए धरती माता की रज यानी मिट्टी का इस्तेमाल करना शुभ होता है। 
- इसके अलावा स्नान के पूर्व तिल के उबटन को शरीर पर लगाना चाहिए।
- एकादशी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें।
- तत्पश्चात पूजन के लिए मिट्टी का कलश स्थापित करें।
- उस कलश में पानी, अक्षत और मुद्रा रखकर उसके ऊपर एक दीया रखें तथा उसमें चावल डालें।
- अब उस दीये पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। ध्यान रखें कि पीतल की प्रतिमा हो तो अतिउत्तम।
- प्रतिमा को रोली अथवा सिंदूर का टीका लगाकर अक्षत चढ़ाएं।
- उसके बाद कलश के सामने शुद्ध देशी घी का दीप प्रज्ज्वलित करें।
- अब तुलसी पत्ता और पुष्प चढ़ाएं।
- तत्पश्चात फल का प्रसाद चढ़ाकर भगवान श्रीविष्णु का विधि-विधान से पूजन करें।
- फिर एकादशी की कथा का पढ़ें अथवा श्रवण करें।
- अंत में श्रीहरि विष्‍णु जी की आरती करें।
- अगले दिन यानि द्वादशी तिथि पर पुनः श्रीहरि का पूजन करें।  
- ब्राह्मण को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।  
- तत्पश्चात खुद पारण करें।  

एकादशी के नियम- Rules of Ekadashi
 
* आषाढ़ कृष्ण एकादशी के एक दिन पूर्व/ दशमी तिथि को रात्रि में एकादशी व्रत करने का संकल्प करना चाहिए।
 
* अगले दिन सुबह स्नानादि सभी क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान श्रीहरि विष्णु तथा लक्ष्मी नारायण जी के स्वरूप का ध्यान करें।  
 
फिर शुद्ध घी का दीपक, नैवेद्य, धूप, पुष्‍प तथा फल आदि पूजन सामग्री लेकर पवित्र एवं सच्चे भाव से पूजा-अर्चना करना चाहिए।
 
* रात्रि में विष्‍णु मंदिर में दीप दान करते हुए कीर्तन तथा जागरण करना चाहिए।
 
* इस दिन गरीब, असहाय अथवा भूखे व्यक्ति को अन्न का दान, भोजन कराना चाहिए तथा प्यास से व्याकुल व्यक्ति को जल पिलाना चाहिए।
 
* एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को अपनी क्षमतानुसार ब्राह्मण तथा गरीबों को दान देकर पारणा करना शास्त्र सम्मत माना गया है।
 
* ध्यान रहें कि इस व्रत में पूरा दिन अन्न का सेवन निषेध है तथा केवल फलाहार करने का ही विधान है।
 
* दशमी से लेकर पारणा होने तक का समय सत्कर्म तथा धर्म कर्म में बिताए, ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। 
 
वर्तमान समय में यह व्रत कल्पतरू के समान माना है तथा इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के सभी कष्‍टों दूर होते हैं तथा हर तरह के श्राप तथा समस्त पापों से मुक्ति दिलाकर यह व्रत पुण्य फल देता है।

02 जुलाई 2024, मंगलवार : योगिनी एकादशी
 
- आषाढ़ कृष्ण एकादशी का प्रारम्भ- 01 जुलाई 2024 को सोमवार को 10 बजकर 26 ए एम शुरू होगा, 
-  योगिनी एकादशी का समापन-  02 जुलाई को 08 बजकर 42 ए एम पर होगा।  
- उदयातिथि के अनुसार 02 जुलाई 2024 को ग्यारस का उपवास रखा जाएगा।  
- पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 03 जुलाई 2024, बुधवार को, 05 बजकर 28 ए एम से 07 बजकर 10 ए एम तक।  
- पारण पर द्वादशी तिथि का समाप्त होने का समय - 07 बजकर 10 ए एम पर।  
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
 
ALSO READ: योगिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और क्या रहेगा पारण का समय?

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Chanakya Niti : चाणक्य नीति के अनुसार धरती पर नर्क भोगता है ऐसा आदमी

Shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष में कब किस समय करना चाहिए पितृ पूजा और तर्पण, कितने ब्राह्मणों को कराएं भोजन?

Tulsi Basil : यदि घर में उग जाए तुलसी का पौधा अपने आप तो जानिए क्या होगा शुभ

Shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष आ रहा है, जानिए कुंडली में पितृदोष की पहचान करके कैसे करें इसका उपाय

Shani gochar 2025: शनि के कुंभ राशि से निकलते ही इन 4 राशियों को परेशानियों से मिलेगा छुटकारा

सभी देखें

धर्म संसार

Surya gochar in kanya: सूर्य के कन्या राशि में जाने से क्या होगा 12 राशियों का हाल, जानिए राशिफल

17 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

17 सितंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी पर क्यों और कैसे करते हैं भगवान अनंत की पूजा, जानिए अचूक उपाय

Ganesh visarjan 2024 date and Muhurat: इस दिन और इस मुहूर्त में इस विधि से करें गणपति विसर्जन

अगला लेख
More