Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Yogini Ekadashi : योगिनी एकादशी व्रत का महत्व और कथा

हमें फॉलो करें Yogini Ekadashi : योगिनी एकादशी व्रत का महत्व और कथा

WD Feature Desk

, सोमवार, 1 जुलाई 2024 (07:57 IST)
Highlights 
 
तीनों लोकों में प्रसिद्ध है योगिनी एकादशी। 
88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर देती हैं फल। 
योगिनी एकादशी का व्रत रखने के लाभ। 
 
Yogini Ekadashi kab Hai : वर्ष भर में 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं और जब पुरुषोत्तम या अधिक मास होता है, तब कुल मिलाकर 26 एकादशियां पड़ती है। आषाढ़ मास में 2 एकादशी आती है, जिसे योगिनी और देवशयनी के नाम से जाना जाता है। इसी क्रम में आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि पर 'योगिनी एकादशी' का व्रत रखा जा रहा है। जो कि योगिनी एकादशी व्रत वर्ष 2024 में 02 जुलाई, दिन मंगलवार को रखा जाएगा। 
 
महत्व : धार्मिक मान्यतानुसार योगिनी एकादशी व्रत सभी पापों को दूर करने वाला माना जाता हैं। तीनों लोकों में प्रसिद्ध यह एकादशी श्री लक्ष्मी-विष्णु जी के पूजन के लिए बहुत ही खास हैं, अतः परलोक में मुक्ति तथा सभी पाप नष्ट करने वाली हैं। भगवान कृष्ण ने इस एकादशी के संबंध में कहा हैं कि योगिनी एकादशी का व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल देता है। 
 
शास्त्रों में इस एकादशी व्रत के दिन उपवास करने का बहुत अधिक महत्व कहा गया है। मान्यतानुसार योगिनी एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वालों को दशमी के दिन से ही कुछ खास बातों का ध्यान में रखकर तथा सावधानीपूर्वक नियमों का पालन करते हुए एकादशी व्रत करना चाहिए।
 
यह एकादशी हर संकट से मुक्ति, उपद्रव, दरिद्रता तथा पापों का नाश करने वाली मानी गई है। योगिनी इतनी अधिक महत्व की मानी गई हैं कि यह सभी तरह की मनोकामना पूर्ण करने के साथ ही मोक्ष देने वाली तथा श्राप से मुक्ति देने वाली भी मानी गई है। 
 
आइए जानते हैं व्रत कथा : 
 
योगिनी एकादशी व्रत की कथा के अनुसार स्वर्गधाम की अलकापुरी नामक नगरी में कुबेर नाम का एक राजा रहता था। वह शिव भक्त था और प्रतिदिन शिव की पूजा किया करता था। हेम नाम का एक माली पूजन के लिए उसके यहां फूल लाया करता था। 
 
हेम की विशालाक्षी नाम की सुंदर स्त्री थी। एक दिन वह मानसरोवर से पुष्प तो ले आया लेकिन कामासक्त होने के कारण वह अपनी स्त्री से हास्य-विनोद तथा रमण करने लगा। इधर राजा उसकी दोपहर तक राह देखता रहा। अंत में राजा कुबेर ने सेवकों को आज्ञा दी कि तुम लोग जाकर माली के न आने का कारण पता करो, क्योंकि वह अभी तक पुष्प लेकर नहीं आया। 
 
सेवकों ने कहा कि महाराज वह पापी अतिकामी है, अपनी स्त्री के साथ हास्य-विनोद और रमण कर रहा होगा। यह सुनकर कुबेर ने क्रोधित होकर उसे बुलाया। हेम माली राजा के भय से कांपता हुआ उपस्थित हुआ। 
 
राजा कुबेर ने क्रोध में आकर कहा- ‘अरे पापी! नीच! कामी! तूने मेरे परम पूजनीय ईश्वरों के ईश्वर श्री शिव जी महाराज का अनादर किया है, इस‍लिए मैं तुझे शाप देता हूं कि तू स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा।’
 
कुबेर के शाप से हेम माली का स्वर्ग से पतन हो गया और वह उसी क्षण पृथ्वी पर गिर गया। भूतल पर आते ही उसके शरीर में श्वेत कोढ़ हो गया। उसकी स्त्री भी उसी समय अंतर्ध्यान हो गई। मृत्युलोक में आकर माली ने महान दु:ख भोगे, भयानक जंगल में जाकर बिना अन्न और जल के भटकता रहा। रात्रि को निद्रा भी नहीं आती थी, परंतु शिवजी की पूजा के प्रभाव से उसको पिछले जन्म की स्मृति का ज्ञान अवश्य रहा। 
 
घूमते-घूमते एक दिन वह मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में पहुंच गया, जो ब्रह्मा से भी अधिक वृद्ध थे और जिनका आश्रम ब्रह्मा की सभा के समान लगता था। हेम माली वहां जाकर उनके पैरों में पड़ गया। उसे देखकर मार्कण्डेय ऋषि बोले तुमने ऐसा कौन-सा पाप किया है, जिसके प्रभाव से यह हालत हो गई। 
 
हेम माली ने सारा वृत्तांत कह ‍सुनाया। यह सुनकर ऋषि बोले- निश्चित ही तूने मेरे सम्मुख सत्य वचन कहे हैं, इसलिए तेरे उद्धार के लिए मैं एक व्रत बताता हूं। यदि तू आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की योगिनी नामक एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करेगा तो तेरे सब पाप नष्ट हो जाएंगे। यह सुनकर हेम माली ने अत्यंत प्रसन्न होकर मुनि को साष्टांग प्रणाम किया। 
 
मुनि ने उसे स्नेह के साथ उठाया। हेम माली ने मुनि के कथनानुसार विधिपूर्वक योगिनी एकादशी का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से अपने पुराने स्वरूप में आकर वह अपनी स्त्री के साथ सुखपूर्वक रहने लगा। अतः इस व्रत से समस्त पाप दूर हो जाते हैं और अंत में स्वर्ग प्राप्त होता है। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: जुलाई माह का पहला दिन, जानें किन राशियों को मिलेंगे लाभ के अवसर, पढ़ें 1st July का दैनिक राशिफल