योगिनी एकादशी का व्रत क्यों रखा जाता है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

WD Feature Desk
सोमवार, 1 जुलाई 2024 (16:34 IST)
Yogini Ekadashi 2024

Highlights : 
 
* योगिनी एकादशी कब है। 
* क्यों रखा जाता है एकादशी का व्रत।  
* योगिनी एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त जानें।  
yogini ekadashi : प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर 'योगिनी एकादशी' का व्रत रखा जाता है। इस व्रत का खास उद्देश्य मोक्ष पाना तथा पापों को दूर करना हैं।  र्ष 2024 में 02 जुलाई, मंगलवार को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस दिन मिट्टी और काले तिल के उबटन स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। 
धार्मिक शास्त्रों में एकादशी व्रत के दिन उपवास करने का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। मान्यता के नुसार एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी से ही कुछ नियमों का ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए तथा सावधानीपूर्वक यह व्रत करना चाहिए। यह एकादशी मोक्ष देने वाली तथा तीनों लोकों में प्रसिद्ध मानी जाती है। इस दिन भगवान लक्ष्मी-नारायण का पूजन का विशेष महत्व है।

यह व्रत कल्पतरू के समान माने जाने के कारण इसके प्रभाव से सभी कष्‍ट, श्राप से ग्रसित है तो दूर होते हैं समस्त पापों से मुक्ति दिलाकर इस एकादशी से अच्छे फल मिलते है। अतः  समस्त पाप दूर होकर स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति के लिए ये व्रत किया जाता हैं।  

ALSO READ: पुराणों की 10 ऐसी भविष्यवाणियां, जो आज हो रही हैं सच
 
आइए यहां जानिए योगिनी एकादशी पर कौनसे हैं... 
 
02 जुलाई 2024, मंगलवार के योग और पर्व : 
 
त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, विडाल योग मासिक कार्तिगाई, योगिनी एकादशी, 
 
योगिनी एकादशी:  02 जुलाई 2024, मंगलवार के मुहूर्त : Yogini Ekadashi 2024 Muhurat
 
आषाढ़ कृष्ण एकादशी प्रारम्भ- 01 जुलाई 2024, सोमवार को अपराह्न 10.26 से, 
योगिनी एकादशी की समाप्त- 02 जुलाई 2024, मंगलवार की 08.42 ए एम पर।  
 
शुभ समय : 
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04.07 से 04.47 तक। 
प्रातः सन्ध्या- सुबह 04.27 से 05.27 तक। 
अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 11.57 सुबह से 12.53 तक।  
विजय मुहूर्त- अपराह्न 02.45 अपराह्न से 03.40 तक। 
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07.22 से 07.42 तक। 
सायाह्न सन्ध्या- शाम 07.23 से रात्रि 08.24 तक। 
अमृत काल- 03 जुलाई सुबह 02.20 से 03.53 तक। 
निशिता मुहूर्त- 03 जुलाई को 12.05 से 12.46 तक। 
त्रिपुष्कर योग- 03 जुलाई को सुबह 08.42 से 04.40 तक। 
सर्वार्थ सिद्धि योग- 03 जुलाई को सुबह 05.27 से 04.40 तक। 
 
दिन का चौघड़िया
चर- सुबह 08.56 से 10.41 तक। 
लाभ- सुबह 10.41 से अपराह्न 12.25 तक। 
अमृत- दोपहर 12.25 से 02.10 तक। 
शुभ -दोपहर 03.54 से 05.39 तक। 
 
रात्रि का चौघड़िया
लाभ- 08.39 रात से 09.54 रात तक। 
शुभ- रात 11.10 से 03 जुलाई 12.25 सुबह तक। 
अमृत- सुबह 12.25 से 01.41 तक। 
चर- सुबह 01.41 से 03 जुलाई 02.57 तक। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: ओडिशा के रहस्यमयी पंचसखा कौन-कौन से हैं?

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Bhai dooj katha: भाई दूज की पौराणिक कथा

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री सहित सरल विधि

Diwali Laxmi Pujan Timing: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त और चौघड़िया

Narak chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी पर हनुमानजी की पूजा क्यों करते हैं, क्या है इसका खास महत्व?

दिवाली के पांच दिनी उत्सव में किस दिन क्या करते हैं, जानिए इंफोग्राफिक्स में

सभी देखें

धर्म संसार

03 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

03 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Chhath Puja 2024: छठ पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की सामग्री एवं पूजन विधि

Chhath Puja katha: छठ पूजा की 4 पौराणिक कथाएं

भाई दूज के दिन बहन और भाई रखें इन बातों का खास ध्यान, भूलकर भी न करें ये गलतियां

अगला लेख
More