Papankusha ekadashi 2025: पापांकुशा एकादशी का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है: 'पाप' (अपराध या गलत कार्य) और 'अंकुश' (हाथी को नियंत्रित करने वाला औजार)। इस एकादशी को करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति सद्मार्ग पर चलता है, इसलिए इसे 'पापों पर अंकुश लगाने वाली' एकादशी कहा जाता है। यह एकादशीआश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस बार यह 03 अक्टूबर 2025 को है। इस दिन व्रत, पूजा, दान और श्रीहरि के नाम का जाप करने से जीवन में शुभता और समृद्धि आती है।
1. पापांकुशा एकादशी के दिन विष्णु के पद्मनाभ रूप की पूजा की जाती है। इस व्रत से सभी प्रकारों के पापों से मुक्ति मिलती है।
2. जो व्यक्ति इस एकादशी की रात में जगकर कीर्तन भजन करता है वह स्वर्ग का अधिकारी बनता है। इस दिन व्रत रखने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त होता है।
3. पापांकुशा एकादशी का विधि विधान से व्रत और पारण किए जाने से शरीर तथा आत्मा शुद्ध रहते हैं। यह एकादशी अपार धन, समृद्धि और सुख देती है।
4. शास्त्रों के अनुसार पापांकुशा एकादशी एक हजार अश्वमेघ तथा सौ सूर्ययज्ञ करने के समान फल प्रदान करने वाली होती है।
5. इस दिन जो व्यक्ति सुवर्ण, जल, तिल, भूमि, अन्न, गौ, जूते तथा छाते का दान करता है, उसे यमराज का सामना नहीं करना पड़ता है।