Tulsi Vivah Vidhi 2021 : देव उठनी ग्यारस पर इस तरह करते हैं तुलसीजी का विवाह

Webdunia
शनिवार, 13 नवंबर 2021 (15:13 IST)
Dev Uthani Gyaras 2021 : कार्तिक मास में देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधा का शालिग्रामजी से विवाह कराए जाने की परंपरा है। किस तरह से विधिवत रूप से तुलसीजी का विष्णु रूप शालिग्रामजी से विवाह किया जाता है आओ जानते हैं सरल विवाह विधि।

 
 
देव उठनी एकादशी तुलसी विवाह की सरल विधि ( Dev Uthani Ekadashi Tulsi Vivah Puja Vidhi 2021 )
 
1. जिन्हें कन्यादान करना होता है वे व्रत रखते हैं और शालिग्राम की ओर से पुरुष वर्ग एकत्रित होते हैं। अर्थात वर पक्ष और वधू पक्ष वाले अलग अलग होकर एक ही जगह विवाह विधि संपन्न करते हैं। कई घरों में गोधुली वेला पर विवाह होता है या यदि उस दिन अभिजीत मुहूर्त हो तो उसमें भी विवाह कर सकते हैं।
 
2. जिन घरों में तुलसी विवाह होता है वे स्नान आदि से निवृत्त होकर तैयार होते हैं और विवाह एवं पूजा की तैयारी करते है। 
 
3. इसके बाद आंगन में चौक सजाते हैं और चौकी स्थापित करते हैं। आंगन नहीं हो तो मंदिर या छत पर भी तुलसी विवाह करा सकते हैं।
 
4. इसके बाद साथ ही अष्टदल कमल बनाकर चौकी पर शालिग्राम को स्थापित करके उनका श्रृंगार करते हैं।
 
5. अष्टदल कमल के उपर कलश स्थापित करने के बाद कलश में जल भरें, कलश पर सातीया बनाएं, कलश पर आम के पांच पत्ते वृत्ताकार रखें, नारियल लपेटकर आम के पत्तों के ऊपर रख दें।
 
6. अब लाल या पीला वस्त्र पहनकर तुलसी के गमले को गेरू से सजाएं और इससे शालिग्राम की चौकी के दाएं ओर रख दें।
 
7. गमले और चौकी के आसपास रंगोली या मांडना बनाएं, घी का दीपक जलाएं।
 
8. इसके बाद गंगाजल में फूल डुबाकर ‘ॐ तुलसाय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए माता तुलसी और शालिग्राम पर गंगाजल का छिड़काव करें।
 
9. अब माता तुलसी को रोली और शालिग्राम को चंदन का तिलक लगाएं।
 
10. अब तुलसी और शालिग्राम के आसपास गन्ने से मंडप बनाएं। मंडब पर उस पर लाल चुनरी ओढ़ा दें।
 
11. अब तुलसी माता को सुहाग का प्रतीक साड़ी से लपेट दें और उनका वधू (दुल्हन) की तरह श्रृंगार करें।
TulsiVivah
12. शालिग्रामजी को पंचामृत से स्नान कराने के बाद उन्हें पीला वस्त्र पहनाएं।
 
13. अब तुलसी माता, शालिग्राम और मंडप को दूध में भिगोकर हल्दी का लेप लगाएं।
 
14. अब पूजन की सभी सामग्री अर्पित करें जैसे फूल, फल इत्यादि।
 
15. अब कोई पुरुष शालिग्राम को चौकी सहित गोद में उठाकर तुलसी की 7 बार परिक्रमा कराएं।
 
16. इसके बाद तुलसी और शालिग्राम को खीर और पूड़ी का भोग लगाएं।
 
17. विवाह के दौरान मंगल गीत गाएं।
 
18. इसके बाद दोनों की आरती करें और इस विवाह संपन्न होने की घोषणा करने के बाद प्रसाद बांटें।
 
19. प्रसाद बांटने के बाद सभी सदस्य एकत्रित होकर भोजन करते हैं।
 
20. तुलसीजी का विवाह विशेष मंत्रोच्चारण के साथ करना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Chhath Puja katha: छठ पूजा की 4 पौराणिक कथाएं

शुक्र के धनु में गोचर से 4 राशियों को मिलेगा धनलाभ

कौन हैं छठी मैया? जानिए भगवान कार्तिकेय से क्या है संबंध?

छठी मैया के पूजन में मूली से लेकर कद्दू तक, जरूर शामिल की जाती हैं ये सब्जियां

महाभारत में कर्ण और कुंती ने की थी छठ पूजा, जानिए छठ पूजा का इतिहास और महत्व

सभी देखें

धर्म संसार

Chhath Puja 2024: छठ पर्व के शुभ मुहूर्त, महत्व, कथा, आरती, चालीसा सहित समस्त सामग्री एक साथ

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

Chhath Puja Samagri List: छठ पूजा की संपूर्ण सामग्री

Tulsi vivah Muhurt: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त क्या है, जानें विधि और मंत्र

अगला लेख
More