कार्तिक मास कर कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है, जिसे नरक चौदस भी कहा जाता है। इस दिन स्वर्ग एवं रूप की प्राप्ति के लिए सूर्योदय से पहले उबटन, स्नान एवं पूजन किया जाता है।
लेकिन इस दिन को रूप चौदस और नरक चौदस के अलावा काली चौदस भी कहा जाता है, जो बहुत कम लोग जानते हैं। जानिए इसका कारण -
दरअसल पूरे भारतवर्ष में रूप चतुर्दशी का पर्व यमराज के प्रति दीप प्रज्जवलित कर, यम के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए मनाया जाता है, लेकिन बंगाल में मां काली के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके कारण इस दिन को काली चौदस कहा जाता है।
इस दिन मां काली की आराधना का विशेष महत्व होता है। काली मां के आर्शिवाद से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सफलता मिलती है।