Ahilyabai died on 13 August 1795: अहिल्याबाई का जन्म 31 मई, 1725 को महाराष्ट्र के चैंडी गांव में हुआ था। 13 अगस्त 1795 को 70 वर्ष की आयु में अहिल्याबाई होल्कर का निधन हो गया। परंतु तिथि के अनुसार उनकी मृत्यु भाद्रपद कृष्ण चतुर्दशी के दिन हुई थी। इसलिए उनके सम्मान और उनकी याद में मध्यप्रदेश के इन्दौर में हर साल भाद्रपद कृष्णा चतुर्दशी के दिन अहिल्योत्सव का आयोजन किया जाता है। इस बार 1 सितंबर 2024 को अहिल्योत्सव मनाया जा रहा है।
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वर्ष 1733 में अहिल्याबाई का विवाह खंडेराव से हो गया। उस वक्त अहिल्याबाई की उम्र सिर्फ 8 वर्ष थी। खंडेराव अहिल्याबाई से 2 साल बड़े थे।
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शादी के बाद अहिल्याबाई महेश्वर आ गई। अहिल्याबाई खुश थी। उनका जीवन अच्छे से बीत रहा था।
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सन 1745 में उन्हें बेटा हुआ मालेराव होलकर और 1748 में उन्हें बेटी हुई मुक्ताबाई।
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सन् 1754 में अहिल्याबाई के जीवन में अंधेरा छा गया। एक युद्ध के दौरान पति खंडेराव वीरगति को प्राप्त हो गए।
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11 दिसंबर, 1767 को वे स्वयं इंदौर की शासक बन गईं।
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30 साल के शासन में अहिल्याबाई ने जो कार्य किए उसके लिस्टी बहुत लंबी है।
रानी अहिल्याबाई होलकर का निधन: अहिल्याबाई को जीवन में बहुत अधिक दुख नहीं रहा क्योंकि वह उन सभी से उभर पाने में सक्षम रहीं। लेकिन एक बात का मलाल उन्हें हमेशा रहा कि अपनी जमाई की मृत्यु के बाद बेटी सती हो गई थी। रानी अहिल्याबाई का लंबे वक्त तक शासन रहा और 13 अगस्त 1795 को 70 वर्ष की आयु में अहिल्याबाई होल्कर का निधन हो गया। उनकी मृत्यु सामान्य रही। कुछ लोग मानते हैं कि लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था।
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मालवा राज्य की पूर्व महारानी पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर का नाम आज भी भारतीय इतिहास की श्रेष्ठ योद्धा रानियों में बड़े ही गर्व से लिया जाता है। अहिल्याबाई के मृत्यु के पश्चात उनके विश्वसनीय सेना प्रमुख रहें तुकोजीराव होल्कर ने शासन की कमान संभाली। आज भी इंदौर अपनी उस महान और दयालु रानी अहिल्याबाई को अपार सम्मान के साथ याद करते हैं।