Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कोरोना वायरस से बचाने के लिए ट्विटर पर यूजर्स बन गए डॉक्‍टर

हमें फॉलो करें कोरोना वायरस से बचाने के लिए ट्विटर पर यूजर्स बन गए डॉक्‍टर
, रविवार, 2 फ़रवरी 2020 (13:05 IST)
कोरोना वायरस ने चीन के साथ ही अब भारत और शेष दुनिया को भी चिंता में डाल दिया है। इसका प्रकोप लगातार फैलता जा रहा है, मेडिकल जांच एजेंसियां इसके वैक्‍सिन की खोज में जुटी हैं, लेकिन मजेदार बात है कि जिसका इलाज मेडिकल के बड़े इंस्‍टिटयूट के पास नहीं, उसका इलाज ट्विटर बता रहा है।

हालांकि यह सच है कि फिलहाल बाहर से आई किसी भी पैकेज्‍ड आइटम को खाना खतरनाक हो सकता है। लेकिन ट्विटर जिस तरह से इसका इलाज बता रहा है, वो हैरत में डालने के साथ ही दिलचस्‍प भी है।

ट्विटर पर ट्रेंडिड चल रहे हैं स्‍टॉप ईटिंग मीट। यह कुछ हद तक सही भी है कि अभी किसी भी तरह का मांस मटन या फिश आदि खाने से बचा जाना चाहिए, क्‍योंकि शुरुआती जांच में सामने आया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहाना शहर में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े मांस बाजार से आया है। दरअसल, वहां 100 से ज्‍यादा प्रजातियों के जानवरों का मांस बिकता है।

इसी को ध्‍यान में रखते हुए भारत में मांस खाने को लेकर तर्क दिए जाने शुरू हो गए हैं। ट्विटर पर स्‍टॉप ईटिंग मीट ट्रेंडिंग कर रहा है, वहीं कोरोना से बचने के लिए इलाज भी बताया जा रहा है।

ट्विटर पर यूजर्स बता रहे हैं कि मासूम जानवरों को अपने स्‍वाद के लिए किल कर देना पाप है। वहीं कुछ ऐसी पोस्‍ट भी है जो कहती हैं कि सभी धर्मों में मांस खाना निषेध बताया गया है। कई यूजर्स वेजिटेरियन और वीगन बनने के बारे में बता रहे हैं, उसके फायदों के बारे में बता रहे हैं। हालांकि मांसाहार और शाकाहार को लेकर हम अपनी तरफ से कोई राय नहीं दे रहे हैं, लेकिन जिस तरह से कोरोना वायरस से इसे जोडकर ट्विटर पर ट्रेंड चल रहा है, वो बेहद दिलचस्‍प है।

दिलचस्‍प है कि इस पर कोरोना से बचने के लिए इलाज भी बताया जा रहा है। ट्विटर यूजर्स कह रहे हैं कि अदरक का जूस कोरोना से बचाव करेगा। कुछ लोग तर्क दे रहे हैं कि गौमूत्र इस वायरस का इलाज है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर बहुत सारी अफवाहें भी फैल रही हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Budget 2020: बजट से नौकरी के कितने अवसर पैदा होंगे? - नज़रिया