World Cup : सेमीफाइनल की राह में न्यूजीलैंड के सामने ऑस्ट्रेलिया बनेगा चुनौती

Webdunia
शुक्रवार, 28 जून 2019 (15:42 IST)
लंदन। विश्वकप में एक समय तालिका में अपराजेय रहकर शीर्ष पर बनी हुई न्यूजीलैंड अहम पड़ाव पर आकर पटरी से उतर गई और अब सेमीफाइनल में जगह पाने के लिए उसके सामने शनिवार को गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की मुश्किल चुनौती होगी जो पहले ही अंतिम 4 में स्थान पक्का कर चुकी है।

ऑस्ट्रेलिया 7 मैचों में 6 जीत और एक हार के बाद 12 अंकों के साथ शीर्ष पर है और सेमीफाइनल में पहुंच गई है। अब बचे हुए 3 स्थानों के लिए मुख्य दावेदार भारत और न्यूजीलैंड हैं जो दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं, वहीं चौथे नंबर की इंग्लैंड तथा तालिका में निचले स्तर की टीमों के बीच बचे हुए एक स्थान के लिए संघर्ष चल रहा है।

केन विलियम्सन की टीम शुरुआत से ही तालिका में शीर्ष पर बनी हुई थी लेकिन पाकिस्तान के हाथों पिछले मैच में 6 विकेट से निराशाजनक हार के बाद न सिर्फ वह पटरी से उतर गई बल्कि उसकी सेमीफाइनल की राह भी मुश्किल हेा गई है, क्योंकि अब बाकी बचे दोनों मैचों में उसका मुकाबला मजबूत टीमों ऑस्ट्रेलिया और फिर इंग्लैंड से होना है।

न्यूजीलैंड के लिए ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को रोकना सबसे बड़ी चुनौती होगी जिसने पिछले मैच में मेज़बान इंग्लिश टीम को 64 रन के बड़े अंतर से पराजित किया था और फिलहाल बाकी टीमों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। जहां ऑस्ट्रेलिया लगातार बेहतरीन फार्म में खेल रही है वहीं न्यूजीलैंड ने कमजोर मानी जा रही पाकिस्तान के खिलाफ काफी निराश किया।

टीम के बल्लेबाज़ मुश्किल से 6 विकेट पर 237 रन का स्कोर बना सके जिसमें निचले क्रम के जिम्मी नीशम की नाबाद 97 रन आर कॉलिन डी ग्रैंडहोम की 64 रन की पारी का अहम योगदान रहा अन्यथा कीवियों ने एक समय 83 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे। कप्तान विलियम्सन टीम के शीर्ष स्कोररों में हैं लेकिन दूसरे छोर खासकर मध्यक्रम से उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी। ऐसे में टीम को अपनी बल्लेबाज़ी में अधिक सुधार करना होगा।

वहीं गेंदबाज़ भी महंगे साबित हुए थे, खासकर लॉकी फग्यूर्सन ने 8 ओवर में ही 50 रन लुटा दिए और सबसे महंगे साबित हुए। कप्तान विलियम्सन ने इस मैच में 8 गेंदबाज़ों को गेंदबाजी के लिए उतारा लेकिन किसी को सफलता नहीं मिल सकी। ट्रेंट बोल्ट, विलियम्सन और फग्यूर्सन को एक-एक विकेट मिले। टीम की गेंदबाज़ी में व्यापक सुधार की जरूरत है। टीम विलियम्सन और रॉस टेलर पर अत्यधिक निर्भर है।

कीवी ओपनरों को भी काफी संघर्ष करना पड़ा है जो टीम के लिए चिंता की बात है। टॉम लाथम ने लगातार निराश किया है और 5 पारियों में मात्र 27 रन बना सके हैं। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम बल्ले और गेंद दोनों से अच्छी लय में है। टीम के ओपनर उसकी बड़ी ताकत हैं और डेविड वार्नर तथा आरोन फिंच की जोड़ी लगातार बढ़िया प्रदर्शन कर रही है। वार्नर टीम के शीर्ष स्कोरर हैं, वहीं व्यक्तिगत तौर पर भी खिलाड़ी अच्छा खेल रहे हैं और पावरप्ले में अब तक उसने केवल एक बार विकेट गंवाए हैं।

टीम की गेंदबाजी भी अव्वल दर्जे की है, उसके 2 शीर्ष तेज़ गेंदबाज़ मिशेल स्टार्क और पैट कमिंस पर काफी जिम्मेदारी दिख रही है, लेकिन जेसन बेहरनडार्फ और नाथन लियोन को शामिल करने से गेंदबाजी क्रम को मजबूती मिली है, दोनों का इंग्लैंड के खिलाफ भी प्रदर्शन संतोषजनक रहा था।

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