Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कोरोना की दूसरी लहर बनी उद्योगों के लिए बड़ी चुनौती

हमें फॉलो करें कोरोना की दूसरी लहर बनी उद्योगों के लिए बड़ी चुनौती
, सोमवार, 7 जून 2021 (21:06 IST)
नई दिल्ली। उद्योग जगत ने कहा है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के बीच कच्चे माल की बढ़ती लागत उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। उनका कहना है कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए व्यापक प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है। यह समय की जरूरत है। उद्योगों ने यह भी कहा है कि कर्मचारियों का टीकाकरण उनकी प्रमुख रणनीतिक योजना है।

देश के प्रमुख उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर द्वारा अप्रैल और मई 2021 के बीच किए गए त्वरित सर्वेक्षण के परिणाम में यह बातें सामने आईं हैं। इसमें सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े उद्योग प्रतिनिधियों से राय ली गई है। सर्वेक्षण उद्योगों के 34 क्षेत्रों में किया गया।

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले उद्यमियों में से 73 प्रतिशत ने कहा है कि कच्चे माल की बढ़ती लागत उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है, वहीं 73 प्रतिशत ने मौजूदा स्थिति का मुकाबला करने के लिए अपने कर्मचारियों के टीकाकरण को सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक योजना बताया।

64 प्रतिशत ने बिक्री कारोबार बढ़ाने और परिचालन बढ़ाने पर भी ध्यान देने की बात कही। 64 प्रतिशत ने कहा कि वह कारोबार परिचालन की लागत में कमी करेंगे। सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने सरकार के राहत उपायों को दस में से सात नंबर दिए जबकि 42 प्रतिशत ने टीकाकरण कार्यक्रम को 10 में से 6 नंबर दिए।

उद्योग जगत का मानना है कि इसके साथ ही कई अन्य तरह की चुनौतियां भी उनके समक्ष हैं। 64 प्रतिशत ने कहा कार्यशील पूंजी की उपलब्धता की भी समस्या है। मूल्य-लागत मार्जिंस अथवा मुनाफा बनाए रखने को 63 प्रतिशत ने बड़ी चुनौती बताया है। 62 प्रतिशत ने कहा मांग कमजोर पड़ रही है, 61 प्रतिशत के मुताबिक पूरे कार्यबल को बनाए रखना भी मुश्किल हो रहा है।
ALSO READ: Coronavirus मरीजों के लिए सरकार की नई Guidelines, जानिए क्या है खास...
काम पर रखे गए कार्यबल की लागत को पूरा करना भी 60 प्रतिशत के लिए परेशानी है। 55 प्रतिशत मानते हैं कि कर्मचारियों के वेतन-भत्तों का भुगतान करना भी उनके लिए चुनौती है। वहीं 53 प्रतिशत के मुताबिक कर्ज की किस्त चुकाना समस्या है। 52 प्रतिशत के मुताबिक पूंजी की लागत और 51 प्रतिशत का कहना है कि अनुपालन लागत की समस्या है।
ALSO READ: Coronavirus महामारी के दौर के 10 सबक, आपने नहीं सीखे क्या?
पीएचडी उद्योग मंडल के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि दफ्तर और दुकानें बंद होने से आर्थिक गतिविधियों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। आपूर्ति श्रृंखला गड़बड़ाने से जिंसों के दाम आसमान पर पहुंच गए जिसकी वजह से कारोनावायरस के इस कठिन समय में व्यवसायों की लागत मार्जिन पर बुरा प्रभाव पड़ा है।

उन्होंने सरकार से टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का आग्रह किया है। इसके लिए घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाने के साथ ही दूसरे देशों से आयात पर भी जोर दिए जाने को कहा है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जम्मू-कश्मीर : सुरक्षा बलों ने आतंकियों की बड़ी साजिश को किया नाकाम