पुणे। महाराष्ट्र के पुणे शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके भले ही कोविड-19 हॉटस्पॉट में तब्दील हो गए हैं लेकिन 'जनता वसाहट' बस्ती अपने निवासियों एवं अधिकारियों के साथ समन्वित प्रयासों से वायरस से लड़ रही है। सिंघड़ रोड के पास स्थित जनता वसाहट 2 से 3 किलोमीटर में फैली हुई है और इसकी कुल आबादी 60,000 है। अब तक इस इलाके से कोविड-19 के कुल 2 मामले सामने आए हैं और पुणे महानगरपालिका इसको बढ़ने नहीं देना चाहती है।
पुणे नगरपालिका आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने वायरस को फैलने से रोकने का श्रेय नगर निकाय द्वारा उठाए गए कदमों और बस्ती की भौगोलिक स्थिति को दिया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पार्वती नाम की पहाड़ी के बीच और सिंघड़ रोड के करीब जलाशय के पास स्थित जनता वसाहट में केवल एक प्रवेश एवं निकास बिंदु है, जो इलाके में लोगों की आवाजाही को बाधित करता है।
उन्होंने बताया कि नगर निकाय के कई चिकित्सक सक्रिय हैं और वे कोविड-19 के हल्के से लक्षणों से ग्रस्त लोगों का पता लगाने के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं। गायकवाड़ ने कहा कि इसलिए मामलों का जल्द पता लगना इस इलाके में मिली सफलता को हासिल करने में अहम रहा।
उन्होंने कहा कि युवा स्वयंसेवियों, पार्षदों और सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने में पुलिस के समन्वित प्रयास भी सार्थक साबित हुए हैं। जब कोरोना वायरस के मामले पुणे में उभरने शुरू हुए थे, तब जनता वसाहट की स्थानीय पुलिस ने निगरानी बढ़ा दी थी और जागरूकता अभियान भी शुरू कर दिया था।
इलाके के दत्ता वाड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक देवीदास घेवरे ने कहा कि इलाके के निवासियों द्वारा अपनाया गया अनुशासन और स्थानीय समूहों, पुलिस तथा निकाय के कर्मियों के बीच समन्वय ने स्थिति को नियंत्रण में रखा।
इलाके के क्षेत्रीय चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक पखाले ने कहा कि घर-घर जाकर सर्वेक्षण, मरीजों का पता लगाना, गंभीर बीमारियों से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों की निगरानी और मास्क एवं सैनिटाइजर के वितरण ने जनता वसाहट को वैश्विक महामारी से सुरक्षित रखा है। (भाषा)