Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Ground Report: कई राज्यों से ज्यादा है पुणे में कोरोना संक्रमितों की संख्‍या

हमें फॉलो करें Ground Report: कई राज्यों से ज्यादा है पुणे में कोरोना संक्रमितों की संख्‍या
, शनिवार, 12 सितम्बर 2020 (09:42 IST)
-रत्नदीप रणशूर
महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे एक तरफ कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus vaccine) के ट्रायल को लेकर सुर्खियों में है, वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों ने भी यहां लोगों को हिलाकर रख दिया। दूसरे शब्दों में कहें तो पुणे की पहचान अब 'कोरोना सिटी' के रूप में होने लगी है।
 
दरअसल, कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों की बड़ी वजह लोगों की लापरवाही ज्यादा सामने आ रही है। अनलॉक होते ही लोग इस तरह सड़कों पर निकल रहे हैं मानो कोरोना खत्म हो चुका है।
 
परिणामस्वरूप चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। लोगों की मानें तो पुणे में बड़े पैमाने पर दो पहिया वाहनों का उपयोग किया जा रहा है। इसमें भी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पुणे के आयुक्त विक्रम कुमार ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है।
 
हालांकि यह भी माना जा रहा है कि पुणे में PMP बस सेवा पिछले छह महीने से बंद है। साथ ही अनलॉक के बाद 
लोग पूरी तरह से बाहर निकलने लगे हैं। अत: घर से दफ्तर जाने या फिर अन्य काम के लिए बड़ी संख्‍या में लोग 
दुपहिया वाहनों का उपयोग कर रहे हैं।
 
webdunia
और लापरवाही भी : दूसरी ओर, पुणे शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर खानापुर गांव का एक त्रासद मामला सामने आया है, जो यह साबित करने के लिए काफी है कि किस कदर लापरवाही बरती जा रही है। सरकारी दावों के उलट यहां 40 वर्षीय एक कोरोना मरीज को वेंटिलेटर वाला बेड नहीं मिला। बाद में घर पर ही उसकी मौत हो गई। शव ले जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिली, जिसके चलते शव ठेले पर ले जाया गया। बुधवार की यह घटना वीडियो वायरल होने के बाद अब सामने आई है।
 
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी : पुणे जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्‍या का कारण ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी भी है। कोरोना महामारी को करीब 6 माह का वक्त हो चुका है। इस दौरान शहरी क्षेत्र में भी लोगों को उपचार में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में स्थितियां ज्यादा खराब हैं। 
 
हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कोविड केयर सेंटर्स का निर्माण हुआ है और हल्के लक्षण वाले रोगियों को इसका लाभ भी मिल रहा है, परंतु गंभीर मरीज जिन्हें अस्पताल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की जरूरत है, उन्हें अभी भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
 
webdunia
जुर्माना बढ़ाया : नगर निगम आयुक्त विक्रांत कुमार ने कहा कि हमने सिविक स्टाफ शक्तियां दी हैं कि वे सार्वजनिक स्थानों, निजी और सरकारी कार्यालयों में मास्क न पहनने वालों पर जुर्माना लगा सकें। पीएमसी ने डिप्टी इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, हेल्थ इंस्पेक्टर, एनक्रोचमेंट इंस्पेक्टर, रखरखाव सर्वेक्षणकर्ता और ऑफिस सुपरिंटेंडेंट को कुछ विशेष शक्तियां दी हैं। वे जिले में मास्क नहीं पहनने वालों पर 500 रुपए का जुर्माना लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लिए जुर्माना राशि बढ़ाकर 1000 रुपए कर दी है।  
 
जब पुणे में हुई सर्वाधिक संख्‍या : गत सोमवार को पुणे जिले में संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 2 लाख 3 हजार 468 हो गई थी। दूसरी ओर, दिल्ली में संक्रमण के कुल मामले 1,93,526 और मुंबई में 1,57,410 थे। यदि गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश को छोड़ दें तो पुणे में संक्रमण के मामले कई राज्यों से बहुत ज्यादा है। उस समय पुणे एकमात्र ऐसा जिला था जहां संक्रमण का आंकड़ा 2 लाख के पार था।
 
उल्लेखनीय है कि अकेले महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामले 10 लाख के करीब पहुंच गए हैं। मुंबई के बाद पुणे, ठाणे और अन्य जिलों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। सिर्फ पुणे की ही बात करें तो यहां पर हर दिन 20000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बहरीन और इजराइल के बीच शांति समझौता, ट्रंप ने बताया ऐतिहासिक दिन