इंदौर। कोरोना वायरस (Corona Virus) से दुनियाभर में 6600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 1.5 लाख से ज्यादा लोग इस घातक वायरस से प्रभावित हैं। सोमवार को भारत में कोरोना प्रभावितों की संख्या 120 पहुंच गई। मध्यप्रदेश में हालांकि एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन दहशत का माहौल तो है।
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में जब लोगों से कोरोना को लेकर बातचीत की तो उन्होंने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं जाहिर कीं। कुछ लोगों ने दूसरे लोगों से मिलना ही बंद कर दिया, वहीं कुछ बेखौफ अपने धंधे में जुटे हुए हैं।
पंचर पकाने का काम करने वाले वाहिद अली से जब इस संवाददाता ने पूछा कि कोरोना से डर नहीं लगता तो उन्होंने कहा कि डर तो लगता है, लेकिन उससे ज्यादा डरावनी पेट की भूख है। काम नहीं करेंगे भूख से मर जाएंगे। ...और यदि कोरोना से मर भी गए तो मोदी सरकार 4 लाख रुपए देगी। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने पहले कोरोना से मृत व्यक्तियों को 4 लाख रुपए देने का ऐलान किया था, लेकिन जल्द ही उसे वापस ले लिया।
व्यवसायी राजेन्द्र तिवारी ने पहले तो बात करने से ही मना किया, लेकिन बाद में जैसे तैसे बोले कि मैंने तो लोगों से मिलना-जुलना ही बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई मिलने की बात करता है तो मैं स्पष्ट तौर पर बता देता हूं कि जो भी बात करनी है फोन पर ही कर लो। ऐसी स्थिति में मिलकर न तो मैं संबंधित व्यक्ति की जान खतरे में डाल सकता हूं और न ही अपनी।
कॉलेज विद्यार्थी अजय कुमार ने बताया कि अब मैंने भीड़ में जाना बंद कर दिया। बस में अब सफर नहीं करता। जरूरी होता है तो अपने वाहन से ही जाता हूं। क्योंकि जैसा सुनने में आ रहा है कि अभी इसका कोई इलाज नहीं है, सिर्फ बचाव ही कर सकते हैं।
दिहाड़ी मजदूर फूलचंद ने स्वयं ही पलटकर पूछ लिया कि ये कोरोना है क्या? मुझे अपने कुछ परिचितों ने बताया जरूर था, लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया है। मैं तो रोज की तरह काम पर जाता हूं। परिवार तो चलाना ही है ना।