लंदन। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (University of Oxford) ने कहा है कि औषधि कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) के साथ कोरोनावायरस (Coronavirus) का टीका विकसित करने के लिए परीक्षण को वह बहाल करेगा। ब्रिटेन में एक मरीज में टीका का दुष्प्रभाव सामने आने के बाद परीक्षण को रोक दिया गया था।
विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा है कि इस तरह के बड़े परीक्षण में आशंका रहती है कि कुछ भागीदार अस्वस्थ होंगे और हर मामले का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
बयान में कहा गया है कि परीक्षण के तहत दुनियाभर में करीब 18,000 लोगों को यह टीका दिया गया है। परीक्षण में भाग लेने वाले व्यक्ति की गोपनीयता बनाए रखने की वजह से मरीज की अस्वस्थता के बारे में सूचनाओं का खुलासा नहीं किया गया है।
हालांकि जोर दिया गया है कि वह अपने अध्ययन में सर्वश्रेष्ठ मानकों को अपनाते हुए भागीदारों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और सुरक्षा को लेकर लगातार गहराई से मूल्यांकन किया जाएगा।
रूस ने भेजी वैक्सीन की खेप : रूस ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ तैयार की गयी वैक्सीन की पहली खेप को देश के विभिन्न क्षेत्रों में वितरण के लिए भेज दिया है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी।
वक्तव्य के मुताबिक रूस के राष्ट्रीय महामारी अनुसंधान केन्द्र गैमेलिया की ओर से स्पूतनिक-5 नाम से विकसित वैक्सीन को रूस के विभिन्न क्षेत्रों में भेज दिया गया है।
इससे देश में वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। पहले उन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिन्हें कोरोना से सर्वाधिक खतरा है। दरअसल, रूस 11 अगस्त को कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। यह वैक्सीन अगले साल 1 जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
रूस के गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ‘स्पूतनिक-5’ के नाम से जानी जाने वाली कोरोना वैक्सीन सबसे पहले कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी। इस वैक्सीन का उत्पादन संयुक्त रूप से रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) द्वारा किया जा रहा है।
(भाषा/वार्ता)