जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आज प्रदेश में बढ़ते कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 संक्रमण के प्रकोप को लेकर दायर याचिकाओं का निराकरण करते हुए संक्रमण के उपचार और इसकी रोकथाम के लिए 19 बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रेमडेसिविर की किल्लत और कालाबाजारी पर कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। कोर्ट ने कहा कोरोना के ज़रूरतमंद मरीज को 1 घंटे के भीतर इंजेक्शन उपलब्ध होना चाहिए।
चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगल पीठ ने कोरोना के मामले में गंभीरता लेते हुए नॉन वर्किंग डे होने के कोरोना संबंधित याचिकाओं की सुनवाई की। युगल पीठ ने चार याचिकाओं का निराकरण करते हुए कोरोना संक्रमण के उपचार तथा रोकधाम के लिए 19 बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
युगल पीठ ने सरकार को परिपालन रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी करते हुए शेष याचिकाओं पर अगली सुनवाई 10 मई को निर्धारित की है। युगल पीठ ने बिल की राशि का भुगतान नहीं होने पर वृद्ध मरीज को बेड से बांधकर रखे जाने वाली संज्ञान याचिका के साथ कोरोना महामारी से संबंधित आधा दर्जन याचिकाओं पर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।
युगल पीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि वह ऑक्सीजन व एंटीवायरस रेमडेसिविर की उपलब्धता सुनिश्चित करें। रेमडेसिविर इंजेक्शन व लिक्विड ऑक्सीजन का प्रदेश में प्लांट नहीं होने के कारण युगल पीठ ने केन्द्र सरकार को आवश्यक सहयोग के निर्देश दिए हैं।
युगल पीठ ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने तथा आवश्यक पड़ने पर उसके आयात की अनुमति के संबंध में भी निर्देश दिए हैं। सरकार व निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं होना चाहिए। भविष्य की आवश्यता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन व रेमडेसिविर की मांग सरकार के समक्ष रखे। युगल पीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि वह प्रशासनिक स्तर पर मांग अनुसार मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करने की व्यवस्था करें।
युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान जिस प्रकार उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर, केविट डेडिकेट केयर सेंटर व अस्पताल खोले गए थे उनका संचालन पुन शुरू किया जाए। स्वास्थ विभाग में रिक्त चिकित्सक, पैरा मेडिकल, टेक्निकल सहित रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति किया जाएं। स्वास्थ विभाग में आवश्यकता अनुसार, संविदा में नियुक्ति किए जाने के निर्देश भी जारी किए हैं।
युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम व अन्य शक्तियों का प्रयोग करते हुए स्कूल, खेल मैदान, ट्रेनिंग सेंटर, होटल व अन्य स्थानों को कोरोना सेंटर के लिए अपने आधिपत्य में ले सकती है। युगल पीठ ने अंतिम संस्कार के लिए बंद विद्युत शवदाह को शुरू करने के निर्देश भी सरकार को दिए हैं। साथ ही कहा है कि इलाज के नाम पर लोगों का शोषण नहीं किया जाए।
सरकार द्वारा जो दर निर्धारित की गई है तथा भविष्य में की जाने वाली दरों का सुनिश्चित तौर पर परिपालन हो। निर्धारित दरों के संबंध में आवश्यक प्रचार-प्रसार किया जाए तथा निर्धारित से अधिक राशि लेने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। युगल पीठ ने आयुष्मान योजना का लाभ दिए जाने तथा आयुष्मान योजना के अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के युगल पीठ ने आदेश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से युगल पीठ को बताया गया था कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही भयावह है। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और लोगों को उपचार तक नहीं मिल रहा है। अस्पतालों में बेड, रेमडेसिविर इंजेक्शन तथा ऑक्सीजन की कमी है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला भी उठाया गया था।
युगल पीठ ने संबंधित मामलों में लिखित जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। सरकार द्वारा पेश किए गए जवाब में बताया गया था कि उपचार की दर तथा दवाइयों का मूल्य निर्धारित कर दिया गया है। इसके अलावा रेमडेसिविर इंजेक्शन तथा ऑक्सीजन की उपलब्धता के संबंध में भी जानकारी पेश की गई थी।
सरकार की तरफ से बताया गया था कि आयुष्मान योजना के लिए निर्धारित अस्पतालों में बेड आरक्षित रखे गए हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी बेड आरक्षित रखे गए हैं। सरकार द्वारा उपलब्ध बेड तथा उसकी संख्या बढ़ाने के संबंध में जानकारी पेश की गई थी। सरकार द्वारा पेश लिखित जवाब का अवलोकन करने के बाद युगल पीठ ने सरकार को 19 बिन्दुओं पर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं।
युगल पीठ ने चार याचिकाओं का निराकरण करते हुए हुए सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ट अधिवक्ता विवेक तन्खा, अधिवक्ता संजय वर्मा तथा सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पी. कौरव, अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा व पी. यादव ने पैरवी की। कोर्ट मित्र के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ उपस्थित हुए।(वार्ता)