कोरोनावायरस के खतरे के बीच महाराष्ट्र में निपाह वायरस का भी खतरा मंडरा रहा है। राज्य में एक चमगादड़ में निपाह वायरस पाया गया है। यह एक दिमागी बुखार है और इसका वायरस चमगादड़ से मनुष्य में ट्रांसफर होता है।
पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में विशेषज्ञों के रिसर्च में यह बात सामने आई है। वर्ष 2020 में महाबलेश्वर (सतारा) की गुफा में पहली बार निपाह का मामला सामने आया था। इससे पहले केरल में भी निपाह का मामला सामने आया था। उस समय केरल में निपाह से 18 लोगों की मौत हुई थी।
निपाह वायरस को काफी खतरनाक माना जाता है। इसकी अभी कोई दवाई भी उपलब्ध नहीं है। यही कारण है इससे वायरस से मृत्यु 65 प्रतिशत से भी ज्यादा है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना से रिकवरी रेट 90 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में इसे कोरोना से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है।
निपाह के लक्षण : इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, बेहोशी आदि हैं। कुछ मामलों में व्यक्ति को गले में कुछ फंसने का अनुभव, पेट दर्द, उल्टी, थकान और आंखों में धुंधलापन महसूस हो सकता है।
कैसे बचें : बाजार में मिलने वाले कटे हुए फल या फिर जंगलों में पड़े फल, आधे खाए हुए फल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि निपाह वायरस फलों पर बैठने वाले सूक्ष्म जीवों के जरिए तेजी से फैलता है।