कोरोना वैक्सीन की सेकंड डोज लेने जा रहे लोगों के लिए बड़ी खबर
दूसरी डोज के वैक्सीनेशन के लिए अब नहीं आएगा SMS : राज्य टीकाकरण अधिकारी
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगवाने जा रहे लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। अगर आप वैक्सीन के सेंकड डोज के लिए कोविन एप के जारिए आने वाले मैसेज का इंतजार कर रहे है तो आप सेंकड डोज लेने में देरी कर सकते है। दरअसल अब वैक्सीन के सेंकड डोज लगवाने के लिए आपको कोई मैसेज (SMS) नहीं आएगा। आपको खुद तय तारीख पर वैक्सीनेशन के लिए सेंटर पर पहुंचना होगा। अब तक वैक्सीनेशन के पहले डोज के बाद दूसरे डोज के लिए भी मैसेज मिलता था।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला कहते हैं कि दूसरे डोज के वैक्सीनेशन के लिए अब आपके पास मैसेज नहीं आएगा। इसलिए बिना किसी मैसेज के इंतजार किए हुए आप ने जिस वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन का पहला डोज लिया है वहीं पर दूसरा डोज लगवाने के लिए तय तारीख पर अवश्य पहुंच जाए। दूसरे डोज के वैक्सीनेशन के लिए मैसेज नहीं आने का बड़ा कारण वैक्सीनेशन कोविन (Co-Win) एप में बदलाव होना है।
केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे लोग जिनको कोवीशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है वह पहले डोज की तारीख के ठीक 42 दिन के बाद उसी सेंटर पर पहुंच कर वैक्सीनेशन करवाए। वहीं ऐसे लोग जिनको कोवैक्सीन की पहली डोज लगी है वह 28 दिन बाद पहुंचकर वैक्सीन लगवा सकते है।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर संतोष शुक्ला कहते हैं कि वह हर प्रदेशवासी से अपील करना चाहेंगे कि वह वैक्सीन का दूसरा डोज तय समय पर जरुर लगवाए। वैक्सीन के पहले डोज के बाद आप कोरोना संक्रमण से अंशिक रुप सुरक्षित होते है जबकि दूसरे डोज के बाद पूर्ण रुप से घातक संक्रमण से सुरक्षित हो जाएंगे।
इसके साथ वह वेबदुनिया के माध्यम से वह प्रदेश के लोगों से एक और अपील करते हुए कहते हैं कि अगर आप ने कोवीशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लिया है तो दूसरा डोज भी कोवीशील्ड वैक्सीन का ही लें। पहले और डोज के वैक्सीनेशन में इस बात का जरूर ध्यान रखें कि वैक्सीनेशन साइट नहीं बदल जाए।
मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब सरकार का पूरा फोकस वैक्सीनेशन पर हो गया है। प्रदेश में अब तक 25 लाख से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग में एक दिन में पांच लाख लोगों के वैक्सीनेशन के टारगेट का लक्ष्य हासिल करने के लिए तेजी से बढ़ रहा है। वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो सके इसलिए नए-नए वैक्सीनेशन सेंटर भी बनाए जा रहे है।