Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

डरावना सच! अस्पताल में पहले जमा कराना होंगे 50 हजार रुपए, फिर शुरू होगा इलाज...

हमें फॉलो करें डरावना सच! अस्पताल में पहले जमा कराना होंगे 50 हजार रुपए, फिर शुरू होगा इलाज...
, सोमवार, 5 अप्रैल 2021 (20:43 IST)
- टीम वेबदुनिया
 
इंदौर : indore Coronavirus : मध्यप्रदेश सरकार के दावों के विपरीत कोरोनावायरस (Coronavirus) काल में लोगों के लिए अच्छा इलाज मिलना भी दूभर हो गया है। ज्यादातर अस्पतालों में या तो लोगों को यह कहकर टरकाया जा रहा है कि बेड खाली नहीं है या फिर उनसे भर्ती करने से पहले 50 हजार रुपए की बड़ी रकम जमा कराने की बात कही जा रही है। इंदौर के ज्यादातर अस्पतालों की स्थिति यही है। 
वेबदुनिया ने जब अलग-अलग निजी अस्पतालों में फोन लगाकर बात को तो व्यवस्था का बहुत ही 'कुरूप' चेहरा सामने आया। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि जिनके पास पैसे नहीं हैं, उनका इलाज भी मुश्किल है। जब मयूर अस्पताल में फोन कर बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमारे यहां मेडिक्लेम नहीं चलता। आपको 50 हजार रुपए नकद जमा कराने होंगे, उसके बाद ही इलाज शुरू हो पाएगा। बेड खाली होने की बात पर अस्पताल की ओर से कहा गया कि इस संबंध में 2 घंटे बाद ही बता पाएंगे। 
अरविन्दो अस्पताल में स्पष्ट रूप से कहा गया कि हमारे यहां बेड ही खाली नहीं है। हालांकि ज्यादा जोर देने पर वहां किसी अंकित का मोबाइल नंबर दिया गया कि इनसे बात कर लो। लेकिन, अंकित ने फोन ही नहीं उठाया। 
 
इंदौर के सुयश हॉस्पिटल में जब फोन लगाया गया तो वहां के स्टाफ ने कहा कि अभी बेड खाली ही नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पहले रिपोर्ट लाओ और डॉक्टर को दिखाओ। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि पेशेंट को भर्ती करवाना है तो पहले 50 हजार रुपए जमा करवाना होंगे। 
webdunia
इसी तरह ग्रेटर कैलाश अस्पताल ने भी पहली बार तो बेड खाली होने की बात से ही इंकार कर दिया, लेकिन ज्यादा जोर देने पर कहा कि बेड के बारे में शाम को बात करना है। वहां के स्टाफ ने कहा कि मेडिक्लेम चल जाएगा, लेकिन मरीज को भर्ती करवाने से पहले 50 हजार रुपए जमा करवाना होंगे। इससे पहले कि हमारा अगला सवाल पूरा होता उधर से फोन काट दिया गया। इसी तरह हमने कुछ और अस्पतालों में संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। 
उल्लेखनीय है कि देश में एक दिन में 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। ऐसे में संक्रमण की भयावहता को आसानी से समझा जा सकता है। हालांकि इस सबके बीच लोगों की लापरवाही भी खुलकर सामने आ रही हैं। वे न तो मास्क का प्रयोग कर रहे हैं न ही सोशल डिस्टेंसिंग को मान रहे हैं। ऐसे में हमारा सभी से आग्रह है कि कोरोना संक्रमण को गंभीरता से लें, क्योंकि आप सबका जीवन न सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके परिवार के लिए अमूल्य है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ऑटो रिक्शा में तेज म्यूजिक बजाना पड़ेगा भारी, सरकार ला रही है यह प्रस्ताव