Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

जिसे ‘इंडि‍यन वैरिएंट’ कहा जा रहा था वो अब 'डेल्टा' और 'कप्पा' कहलाएंगे, कैसे बदल गए और भी वायरस के नाम?

हमें फॉलो करें जिसे ‘इंडि‍यन वैरिएंट’ कहा जा रहा था वो अब 'डेल्टा' और 'कप्पा' कहलाएंगे, कैसे बदल गए और भी वायरस के नाम?
हाल ही में वायरस के नामों को लेकर काफी विवाद हुआ था। कई समाचार पत्रों और मीड‍िया के आलेखों में कोरोना वायरस को इंड‍ियन वैरिएंट भी लिखा गया। इसके बाद भारत सरकार ने इस पर अपनी आपत्‍त‍ि दर्ज की थी। अब डब्‍लूएचओ ने नामों में बदलाव किया है।

आइए जानते हैं किस देश के वैरिएंट को अब किस नाम से पुकारा जाएगा।

दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस को अगल-अलग देशों के नाम लगाकर वैरिएंट कहकर पुकारा जा रहा था। लेकिन हाल ही में कोरोना वायरस के वैरिएंट्स को इंडियन वैरिएंट कहे जाने पर भारत सरकार ने आपत्ति जताई थी। इसके पहले चीन भी चीनी वायरस कहने पर विरोध दर्ज करा चुका है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस के वैरिएंट्स को नए नाम दिए हैं। भारत में सबसे पहले पहचाने गए बी.1.617.1 म्यूटेंट को ‘कप्पा’ नाम दिया गया है। इसी तरह वायरस के बी.1.617.2 स्ट्रेन को ‘डेल्टा’ नाम दिया गया है। डब्‍लूएचओ की ओर से बताया गया कि कोविड-19 के अलग-अलग वैरिएंट्स के नामकरण के लिए यूनानी अक्षरों का सहारा लिया गया है।

भारत में बी.1.167.2 वैरिएंट यानी ‘डेल्टा’ का पता अक्‍टूबर 2020 में चला था। इसके बाद से दुनिया के 53 से ज्यादा देशों में ये वैरिएंट मिल चुका है। शुरू में इस स्ट्रेन को इंडियन वैरिएंट कहा जा रहा था क्योंकि सबसे पहले इसका भारत में ही पता चला था। इसे इंडियन वैरिएंट कहने पर भारत सरकार ने आपत्ति जताई थी। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से भी कहा था कि वे अपने प्लेटफॉर्म से ऐसा सभी कंटेंट तुरंत हटा दें, जिसमें कोरोना वायरस के वैरिएंट को इंडिया के नाम से जोड़कर लिखा गया हो।

इसके बाद डब्‍लूएचओ ने 12 मई को कहा था कि वो किसी देश के नाम पर वायरस के वैरिएंट का नाम नहीं रखता। वैरिएंट्स को देश के नाम से नहीं बल्कि साइंटिफिक नाम से जाना जाता है। बता दें कि इससे पहले कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहने पर चीन ने भी आपत्ति जताई थी। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप इस शब्द का बार बार इस्तेमाल करते थे।

कोरोना वायरस के नामकरण को लेकर डब्‍लूएचओ ने कहा है कि इसके पीछे मकसद ये है कि आम बोलचाल की भाषा में आसानी से इनको समझा जा सके, और वैरिएंट्स पर से देशों का नाम हटाया जा सके। डब्‍लूएचओ में कोविड-19 से जुड़े तकनीकी मामलों की प्रमुख डॉक्टर मारिया वान केरखोव ने इस बारे में ट्वीट करके जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नए नाम रखे जाने से वायरस के के वैज्ञानिक नामों में कोई बदलाव नहीं होगा। रिसर्च के दौरान भी वैज्ञानिक नामों का ही इस्तेमाल किया जाएगा!

इस नई शब्दावली के मुताबिक, ब्रिटेन से मिले वैरिएंट बी.1.1.7 को ‘अल्फा’ नाम दिया गया है। दक्षिण अफ्रीका में मिले वैरिएंट बी.1.351 को ‘बीटा’ नाम से जाना जाएगा। ब्राजील में नवंबर 2020 में मिले पी.1 स्‍ट्रेन को अब ‘गामा’ कहा जाएगा। अमेरिका में मिले B.1.427 और B.1.429 स्‍ट्रेन को एप्‍सीलोन तो B.1.526 वैरिएंट को आयोटा नाम दिया गया है। फिलीपींस में जो कोरोना वायरस का स्ट्रेन P.3 मिला था, उसे ‘थीटा’ कहा जाएगा। कुछ अन्य देशों में मिले B.1.525 वैरिएंट को ‘ईटा’ नाम दिया गया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सरकार ने नई गाइडलाइन में उठाए सख्त कदम, उत्तराखंड के होटलों में सिर्फ 50% रूम हो सकेंगे बुक