कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मामले कुछ कम हुए, तो लोग एक बार फिर सैर-सपाटे के लिए निकल पड़े। उत्तराखंड की वादियां हमेशा से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही हैं। अब दूसरी लहर के कुछ हद तक थमने के बाद भी सैलानियों का हुजूम उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में उमड़ पड़ा।
घूमने आए पर्यटक कोरोना संबंधी नियमों का भी ठीक ढ़ंग से पालन करते नजर नहीं आए, जिससे प्रदेश में महामारी की स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए अब सरकार ने कुछ सख्त कदम उठाए हैं। अब उत्तराखंड सरकार ने होटलों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने नैनीताल और देहरादून के होटलों में 50 % रूमों की ही बुकिंग की जा सकेगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सीएम धामी ने कहा, "हमने नैनीताल और देहरादून के होटलों में 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी कैपिंग के संबंध में एक आदेश जारी किया है। उन लोगों को चालान जारी किए जा रहे हैं जो मास्क नहीं पहन रहे हैं। हम वायरस के प्रसार को रोकने का प्रयास कर रहे हैं और दिशानिर्देशों का अनुसरण कराने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं।"
जानकारी के लिए बता दें कि, उत्तराखंड एक मशहूर पर्यटन स्थान और गर्मी से निजात पाने के लिए मैदानी इलाकों से पहुंच रहे पर्यटक की भारी भीड़ वहां जुट रही है। कोरोना प्रतिबंधों में ढील मिलने के बाद लोग गर्मी से राहत पाने के लिए पहाड़ी इलाकों का रुख कर रहे हैं।
बीते दिन मसूरी के प्रमुख पर्यटक स्थल कैंपटी फॉल को लेकर भी टिहरी जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अहम निर्णय लिया और यह ऐलान किया कि कैंपटी फॉल में कोई टूरिस्ट आधे घंटे से अधिक का समय नहीं बिता सकता। आधे घंटे की अवधि पूरी होते ही वहां लगे हूटर बजने लगेंगे और पर्यटकों को तत्काल उसमें से बाहर निकलकर वापस लौटना होगा।