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स्‍टडी में खुलासा: कोरोना मरीजों को स्ट्रोक का ज्यादा खतरा

हमें फॉलो करें स्‍टडी में खुलासा: कोरोना मरीजों को स्ट्रोक का ज्यादा खतरा
अमेरिका के फिलाडेल्फिया की थॉमस जैफरसन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने अमेरिका के 7 और वेस्टर्न यूरोपियन यूनिवर्सिटी  के चार अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के 40 हजार मरीजों को स्टडी किया। इनमें से डॉक्टरों को करीब 11 प्रतिशत मरीजों के दिमाग में संक्रमण के संदिग्ध लक्षण नजर आए।

रेडियोलॉजी सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका की सालाना बैठक में रिसर्चर्स ने कहा कि इसमें सबसे प्रमुख बीमारी इस्कीमिक स्ट्रोक  है। इस्कीमिक स्ट्रोक तब होता है, जब ब्रेन की धमनियां संकरी या अवरुद्ध हो जाती हैं. इससे ब्लड फ्लो में काफी में काफी कमी हो जाती है। इसे इस्कीमिया कहा जाता है।

इस्कीमिक स्ट्रोक के अतर्गत थ्रामबोटिक स्ट्रोक को शामिल किया जाता है। यह बीमारी 6.2 प्रतिशत मरीजों में देखी गई है। इसके अलावा 3.72 प्रतिशत में ब्रेन हेमरेज भी देखा गया. करीब 0.47 प्रतिशत कोरोना के मरीजों को इनसेफलाइटिस (encephalitis) के लक्षण उभरे।

इस स्टडी के प्रमुख राइटर स्कॉट एच. फारो (Scott H. Faro)के अनुसार, इस वैश्विक महामारी की वजह से फेफड़े संबंधी बीमारियों (pulmonary diseases) पर तो गौर किया जाता है, लेकिन संक्रमण की वजह से दूसरे अंगों पर पड़ने वाले प्रभावों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है।

लेकिन हमारी स्टडी में सामने आया है कि सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central nervous system) की समस्याएं कई बीमारियों की कॉम्प्लिकेशंस बढ़ाने और मौतों का एक अहम कारक है। इस स्टडी में 442 गंभीर न्यूरोइमेजिंग (neuroimaging) निष्कर्ष सामने आए, जिनमें से अधिकांश वायरल संक्रमण जुड़े थे। इनमें से भी 1.2 प्रतिशत में सेंट्रल नर्वस सिस्टम से संबंधित जटिलताएं पाई गईं।

इस्केमिक स्ट्रोक (ischemic stroke)
इस प्रकार के स्ट्रोक में ब्रेन को ब्लड की सप्लाई करने वाली ब्लड वेसल क्लॉटिंग की वजह से संकुचित या अवरुद्ध हो जाती है। ब्रेन की धमनियों की अंदरूनी दीवार में फैट जमने से ब्लड के थक्के बनते हैं। ये सबसे कॉमन स्ट्रोक है।

ट्रांजियंट इस्केमिक स्ट्रोक (transient ischemic stroke)
जब ब्रेन को ब्लड वेसल के जरिए ब्लड की समुचित मात्रा में सप्लाई नहीं हो पाती है, जो उस स्थिति को ट्रांजियंट इस्केमिस्क स्ट्रोक कहते हैं। अनेक लोगों में स्ट्रोक के कुछ लक्षण महसूस होते हैं, पर ये लक्षण अपने आप एक दो दिन में दूर हो जाते हैं। जैसे हाथ पैर में कमजोरी होना, स्पीच में प्रोब्लम होना, फेस तिरछा होता है या बैलेंस बिगड़ता है।

हैमोरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic stroke)
हैमोरेजिक स्ट्रोक को ब्रेन हैमरेज (Brain Hemorrhage) भी कहते हैं। ब्रेन हैमरेज, स्ट्रोक का ही एक प्रकार है। ब्रेन हैमरेज गंभीर मेडिकल स्थिति है। जिसमें दिमाग की ब्लड वेसल फट जाती है। ये सिचुएशन गंभीर पैरालेसिस का प्रमुख कारण है। हाई बीपी में हैमोरेजिक स्ट्रोक के मामले ज्यादा होते हैं।

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