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चलती ट्रेन के वो शर्मनाक 8 मिनट, रेप होता रहा, वीडियो बनता रहा....Philadelphia

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स्मृति आदित्य

शर्मनाक खबर : स्थान : फिलाडेल्फिया,अमेरिका, घटनास्थल : चलती ट्रेन, क्या हुआ : 8 मिनट तक एक महिला के साथ चलती ट्रेन में बलात्कार, महिला चीखती रही और लोग घटना का वीडियो बनाते रहे। 
 
खबर किसी भी देश की हो, खबर किसी भी स्त्री की हो....जब अस्मिता छली जाती है, जब बेशर्मी अपना नंगा नाच दिखाती है और आंखों की शर्म जाने कहां जाकर डूब जाती है, तब सभ्यता अपने चिथड़े उड़ाती है.. कुसंस्कार अट्टाहास करते हैं ... और फिर इन सबको जानकर, सुनकर, देखकर आंखों से आंसू नहीं गिरते, अब कलम नहीं कांपती... अब शर्म भी नहीं आती...अब सिर्फ खून खौलता है, मानस में अंगारे बरसते हैं... और सच कहें तो हाथों के नाखून अब नेलपॉलिश नहीं बल्कि बलात्कारी के खून से रंगे जाने को बेताब हो जाते हैं...और सिर्फ बलात्कारी ही क्यों? 
 
उन सब मोबाइलधारियों से भी मुखातिब होना होगा.... कि कहां बेच आए अपने भीतर के इंसान को, कहां रख दी अपनी सभ्यता की गठरी? तकनीक ने तुम्हें बेशर्म बना दिया यह तो जानते हैं हम.... लेकिन तुम अब इंसान भी नहीं रहे यह आज पता चला?

तुम सबने किया है उन 8 मिनटों में उस स्त्री का बलात्कार जो चीखती रही चिल्लाती रही.... माना कि तुम कृष्ण नहीं हो सकते थे जो द्रोपदी की लाज के लिए चीर को बढ़ा देते...तुम एक भाई, एक मित्र, एक इंसान, एक पिता, एक सखा नहीं हो सकते थे माना, लेकिन तुम हो सकते थे एक सभ्य देश(?) के सभ्य नागरिक(?).. .

एक इंसान, जिसे दुनिया में सिर्फ हाड़ मांस का ही बनाकर नहीं भेजा गया है... बल्कि एक इंसान जो सोच सकता है, जो रो सकता है, इंसान जो संवेदनाओं से भरा हो सकता है,इंसान जो मदद के हाथ बढ़ा सकता है, एक इंसान जो भीड़ चीर कर खड़ा हो सकता है .गलत के खिलाफ ..  महिला न सही, अपने ही देश की एक नागरिक के लिए.... 
 
मगर नहीं....  
 
तकनीकी युग ने तुम्हारे भीतर के इंसान को तमाशबीन बना दिया है... हाथ नहीं कांपें? कलेजा नहीं दहला? शर्म नहीं आई, आंखें नहीं झुकीं... उफ ... हम किस युग में पदार्पण कर गए हैं... कुछ तो सोचिए... कहां से आकर कहां पहुंच गए... एक आदिम युग से दूसरे बर्बर युग तक.... अफगानिस्तान पर सवाल बाद में कर लेना ... पहले अपने ही भीतर फैल और पनप रही इस गंदगी का इलाज खोजिए... मर रही है मानवता, उसकी थमती सांसों को संभालिए.... 
 
घटना फिलाडेल्फिया में 13 अक्टूबर को रात करीब बजे की है। बलात्कारी पहले महिला के साथ अश्लील हरकतें करता है। इसके बाद 8 मिनट तक चलती ट्रेन में इस महिला के साथ रेप होता रहा।
 
इस दौरान महिला लगातार ट्रेन में मौजूद लोगों से मदद की गुहार लगाती रही। लोग महिला की मदद करने के बजाए घटना का वीडियो बनाते रहे। 
 
अमेरिका के फिलाडेल्फिया (Philadelphia US) शहर की यह घटना हुई पश्चिमी देशों के समाज, वहां की कानून व्यवस्था और वहां महिलाओं को मिलने वाली सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। 

घटना क्या थी? 
फिलाडेल्फिया में 13 अक्टूबर को एक महिला रात करीब 10 बजे अपने घर जाने के लिए एक ट्रेन में सवार हुई थी। इस ट्रेन में और भी बहुत सारे लोग थे लेकिन 35 साल का एक व्यक्ति अचानक से इस महिला के साथ वाली सीट पर आकर बैठ गया। कुछ देर तक उसने इस महिला को परेशान किया लेकिन जब वो बात करने के लिए तैयार नहीं हुई तो इस व्यक्ति ने उसके साथ अश्लील हरकतें शुरू कर दीं और इसके बाद 8 मिनट तक चलती ट्रेन में इस महिला के साथ रेप की घटना हुई। 
 
वारदात के समय ट्रेन में काफी लोग मौजूद थे, जो ये सब होते हुए देख रहे थे लेकिन किसी ने भी उस व्यक्ति को रोकने की कोशिश नहीं की। सोचिए 8 मिनट तक एक महिला चलती ट्रेन में मदद के लिए चीखती चिल्लाती रही, लोगों से ये कहती रही कि वो पुलिस बुलाने में उसकी मदद करें। उसने मदद के लिए लोगों के सामने चीत्कार लगाई, गुहार लगाई.... लेकिन इसके बावजूद इन लोगों ने कुछ नहीं किया... इससे बड़ी कायरता क्या हो सकती है?
 
कानों का पर्दा नहीं फटा, किसी की आंख में खून नहीं उतरा? किसी को अपनी ही कोई बेटी, बहन या दोस्त नजर नहीं आई....? 
 
पिछले दिनों अमेरिका में एक सर्वे हुआ था, जिसमें लोगों से ये पूछा गया था कि अगर उनके सामने किसी महिला के साथ छेड़छाड़ होती है या उसके साथ बलात्कार जैसी कोई भयानक घटना होती है तो उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या होगी? 
 
तब अमेरिका के ज्यादातर लोगों का कहना था कि ऐसी स्थिति में अपराध को रोकने की जिम्मेदारी उनकी होगी। सबसे पहले उस महिला को बचाएंगे। इस सर्वे का तब सार यह था कि अमेरिका के लोग दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा जागरूक, ज्यादा जिम्मेदार और ज्यादा सजग हैं। पश्चिमी देशों में इस तरह के हजारों सर्वे और रिपोर्ट्स उपलब्ध हैं जो यह बताती हैं कि वहां के लोग और वहां का समाज सभ्यता के मामले में दुनिया में सबसे आगे हैं.... 
 
फिलाडेल्फिया,अमेरिका की यह घटना वहां के समाज का शर्मनाक परिचय दे रही है, जिससे उठती असभ्यता की दुर्गंध से दुनिया भर को उबकाई आ रही है। लानत है ऐसे तकनीकी युग पर जो घटनाओं का वीडियो बनाकर उसे हजारों गुना फैलाने में मदद कर रहा है और इंसान को शैतान बना रहा है। 


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