अहमदाबाद। गुजरात में 21 से 30 नवंबर यानी पिछले 10 दिनों में कोरोना के मामले बढ़कर 13 हजार 816 तक पहुंच गए हैं। वहीं, 132 लोगों की इस बीमारी से 10 दिन में मौत दर्ज की गई है। गुजरात स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अहमदाबाद में 2,953 लोग संक्रमित हुए, सूरत में 2,001, बड़ौदा में 1,188 तथा राजकोट में 803 नए मरीज सामने आए। लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने इन चारों जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू की घोषण की।
कर्फ्यू के बाद भी नए मरीज रोजाना दर्ज किए जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में रोजाना 15 लोगों की मौत हो रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डेड बॉडी क्लेम करने के लिए 50 से अधिक लोग रोजाना घंटों तक लाइन में खड़े रहते हैं। इससे लगता है जैसे सरकार कोरोना से मौत के मामले दबा रही है।
त्योहार की शॉपिंग में सब कुछ भूले : दिवाली के समय सभी कोरोना को भूल गए और जमकर बाजारों में शॉपिंग के लिए उमड़े। इसके चलते कोरोना की दूसरी लहर आ गई। इसके बाद कुछ ही दिन में शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो गया। वैसे तो सरकार ने इन आयोजनों में मात्र 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना कम्पलसरी किया, लेकिन शादियों में हो रही लापरवाही भी इस संक्रमण के फैलने का प्रमुख कारण बन रही है।
कम पड़ रहे हैं बेड : सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1 से 15 नवंबर तक रिकरवरी रेट 2 फीसदी बढ़ गया था। जबकि 15 से 30 नवंबर तक रिकवरी रेट 0.3 फीसदी घट गया है। इस रिपोर्ट के बाद गुजरात रिकवरी रेट के मामले में 13वें स्थान पर पहुंच गया है। जबकि अन्य राज्य जैसे कि तमिलनाडु, असम, आंध्र प्रदेश में रिकवरी रेट लगातार बढ़ता हुआ दिख रहा है। इस तरह पिछले 15 दिनों में गुजरात के हालात तेजी से बिगड़े हैं। वहीं, ठीक होकर घर आने वाले मरीजों की संख्या कम है। ताजा स्थिति यह है कि राज्य में नए मरीजों के लिए बेड उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।
राज्य के ताजा हालात : राज्य में लगातार सातवें दिन 1 दिसंबर तक 1,550 से ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं। 58 दिन बाद पहली बार ऐसा मौका आया जब 30 नवंबर को राज्य में 20 कोरोना प्रभावितों की मौत हुई। इससे पहले 25 अगस्त को 20 लोगों की मौत दर्ज की गई थी। जब से कोरोना आया है, तब से अब क राज्य में 78 लाख 25 हजार 615 टेस्ट किए गए, जिनमें से 2 लाख 9 हजार 789 लोग पॉजिटिव पाए गए, जबकि मौत का आंकड़ा 4000 से ज्यादा हो गया है।
इसके अलावा 1 लाख 90 हजार लोग संक्रमण के बाद ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। एक्टिव केस की बात करें तो वर्तमान में 14 हजार 970 केस हैं, जिनमें से 83 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और 14,887 मरीजों की हालत स्थिर है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 15 दिन का क्वारंटाइन जरूरी है। लेकिन, लोगों की लापरवाही और वर्तमान हालात देखते हुए लगता है कि टोटल लॉकडाउन ही इस संक्रमण से मुकाबला कर सकता है। वैसे भी सर्दी के मौसम में रात में कम ही लोग बाहर निकलते हैं, ऐसे में रात्रिकालीन कर्फ्यू के साथ टोटल लॉकडाउन ही अंतिम उपाय कारगर साबित होगा।
इस तरह हो रहा अंतिम संस्कार : जब किसी मरीज की मौत होती है तो उसके परिजन को सूचना देकर बुलवाया जाता है। बताया जाता है कि फलां नंबर की बॉडी आपके रिश्तेदार की है। इसके बाद शव को सरकारी वाहन में भेजकर अंतिम संस्कार किया जाता है। मृतक के कितने भी परिजन जो अंतिम यात्रा में शामिल होना चाहते हैं, शामिल हो सकते हैं। लेकिन, उन्हें काफी दूर रोककर ही देखने दिया जाता है।