नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच धार्मिक कार्यक्रम के कारण सुर्खियों में आई तब्लीगी जमात के मुख्यालय मरकज निजामुद्दीन ने मंगलवार को कहा कि उसने कानून के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। उसने अपने परिसर में क्वारंटाइन सेंटर स्थापित करने की भी पेशकश की है।
मरकज ने एक बयान में कहा कि वह प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करेगा। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कहा कि मरकज में कुछ दिनों पहले आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए 24 लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
मरकज ने कानूनी कार्रवाई के दिल्ली सरकार के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मरकज ने कभी कानून के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया। हमने लोगों को आईएसबीटी या सड़कों पर नहीं जाने देकर चिकित्सा दिशा-निर्देश का उल्लंघन नहीं होने दिया।
मरकज के मुताबिक वह चाहता है कि उसके पूरे परिसर को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जाए। उसने कहा कि जब जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, तो बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे। 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया तो उसी दिन मरकज बंद कर दिया गया। बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया।
मरकज ने कहा कि जो लोग मरकज में रह रहे थे, उन्हें घर भेजने का इंतजाम किया जाने लगा। 21 मार्च से ही रेल सेवाएं बंद होने लगी थीं इसलिए बाहर के लोगों को भेजना मुश्किल था। इसके बावजूद दिल्ली और आसपास के करीब 1,500 लोगों को घर भेजा गया। करीब 1,000 लोग मरकज में बच गए थे।